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दिल्ली में BMW दुर्घटना: महिला आरोपी का बयान और जमानत की मांग

दिल्ली में एक BMW और बाइक की टक्कर में वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हो गई। इस मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर ने अदालत में बयान दिया कि हर साल देश में 5000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। उनके वकील ने जमानत की मांग की है और पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी विवाद पैदा कर दिया है। जानें पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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दिल्ली में BMW दुर्घटना: महिला आरोपी का बयान और जमानत की मांग

दिल्ली में BMW और बाइक की टक्कर से हुई मौत

दिल्ली BMW दुर्घटना: पिछले सप्ताह दिल्ली में एक BMW और मोटरसाइकिल के बीच हुई टक्कर में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी नवजोत सिंह की जान चली गई। यह घटना अत्यंत दुखद थी। इस मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर ने बुधवार को दिल्ली की अदालत में बयान दिया, जिसमें उसने कहा कि देशभर में हर साल लगभग 5000 सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।


जमानत की मांग और विवाद

गगनप्रीत कौर को सोमवार को गिरफ्तार किया गया था, और उनके वकील रमेश गुप्ता ने जमानत की याचिका दायर की। पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की सुनवाई को शनिवार तक के लिए स्थगित कर दिया। उन्होंने कहा कि डीटीसी बस और एक एम्बुलेंस को भी इस मामले में आरोपी ठहराया जाना चाहिए। इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी बढ़ गई है।


दुर्घटना की विस्तृत जानकारी

गगनप्रीत कौर की BMW कार ने रविवार को दिल्ली के धौला कुआं के पास नवजोत सिंह की मोटरसाइकिल को टक्कर मारी, जिससे उनकी मौत हो गई और उनकी पत्नी घायल हो गई। उनका इलाज अभी भी अस्पताल में चल रहा है।


वकील का बयान और सवाल

वकील रमेश गुप्ता ने कहा, "यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। हर साल 5000 दुर्घटनाएं होती हैं, जो भी दुखद है।" उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि डीटीसी बस के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई, जबकि पुलिस का दावा है कि मोटरसाइकिल ने चार पहिया वाहन को टक्कर मारी।


पुलिस की कार्रवाई पर सवाल

गुप्ता ने कहा, "एक एम्बुलेंस वहां रुकी थी, लेकिन उसने पीड़ितों को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया। पुलिस ने बस को जब्त क्यों नहीं किया?" उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस ने 10 घंटे बाद मामला दर्ज किया, जो संदिग्ध है।


धारा 105 पर उठाए सवाल

गुप्ता ने भारतीय दंड संहिता की धारा 105 लगाने के पुलिस के निर्णय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यह धारा गैर-इरादतन हत्या के लिए है, और जांच अधिकारी को उप-धारा ए या बी को शामिल करने की आवश्यकता थी।