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दिल्ली में कार विस्फोट: जांच में नए खुलासे और संदिग्धों की गिरफ्तारी

दिल्ली में लाल किला के निकट हुए विस्फोट के बाद जांच एजेंसियों ने तेजी से कार्रवाई की है। पुलिस ने तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य संदिग्ध डॉ. उमर उन नबी अभी भी फरार है। पूछताछ में कई महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं, जिसमें फरीदाबाद मॉड्यूल के सदस्यों द्वारा विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने की योजना का पता चला है। इस मामले में कई बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ भी हुआ है।
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दिल्ली में कार विस्फोट: जांच में नए खुलासे और संदिग्धों की गिरफ्तारी

दिल्ली में विस्फोट की जांच में तेजी


सोमवार को लाल किला के निकट हुए विस्फोट के बाद, जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं और लगातार नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में डॉ. मुजम्मिल अहमद गणाई, डॉ. अदील मजीद राथर, और डॉ. शाहीन शाहिद को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता डॉ. उमर उन नबी अभी भी फरार है।


फरीदाबाद मॉड्यूल का कट्टरपंथी सदस्य

डॉ. उमर उन नबी, जो फरीदाबाद मॉड्यूल का सबसे कट्टरपंथी सदस्य माना जाता है, पुलिस की पकड़ से बाहर है। पूछताछ के दौरान, शाहीन शाहिद ने कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। उसने बताया कि उमर देशभर में कई हमलों की योजना बना रहा था। दोनों डॉक्टर फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में एक साथ काम करते थे और अपने काम के बाद हमलों की योजना बनाते थे।


विस्फोट की योजना का खुलासा

जांच एजेंसियों के अनुसार, फरीदाबाद मॉड्यूल के सदस्य पिछले दो वर्षों से अमोनियम नाइट्रेट जैसे विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहे थे। उनका उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के निर्देश पर देश के विभिन्न हिस्सों में हमले करना था।


जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश और हरियाणा पुलिस ने मिलकर डॉ. मुजम्मिल, अदील और शाहीन को पहले ही गिरफ्तार कर लिया, लेकिन डॉ. उमर अभी भी फरार है। सूत्रों के अनुसार, उमर ने i20 कार में अमोनियम नाइट्रेट और डिटोनेटर का उपयोग करके विस्फोट किया।


बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़

पुलिस गिरफ्तार डॉक्टरों से लगातार पूछताछ कर रही है, जिससे जैश-ए-मोहम्मद के एक बड़े नेटवर्क का पता चला है। शाहीन ने बताया कि उसका भाई परवेज सईद भी उसी चैट ग्रुप का हिस्सा है जिसमें मुजम्मिल और अदील शामिल थे। इसके बाद लखनऊ से परवेज को हिरासत में लिया गया, लेकिन उसके पास से कोई महत्वपूर्ण सबूत नहीं मिला।


सूत्रों का कहना है कि गिरफ्तारी के डर से विस्फोटक सामग्री को नष्ट किया जा सकता है। वहीं, गुरुग्राम में अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर की पहचान की गई है, जिस पर जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। जांच एजेंसियों की मदद से पुलिस ने फरीदाबाद और दिल्ली के कई स्थानों पर छापेमारी की है, जिसमें कई मौलवियों के नेटवर्क का भी पता चला है, जो शिक्षित युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित कर रहे थे.