दिल्ली में कुत्ता काटने से मौतों पर सरकार का विवादित बयान
संसद में पेश की गई गलत जानकारी
संसद का पटल आमतौर पर एक पवित्र स्थान माना जाता है, जहां सरकार या विपक्ष के सदस्य गलत आंकड़े पेश नहीं करते। हालांकि, हाल ही में एक मामले में यह स्पष्ट हुआ है कि सरकार ने संसद में गलत जानकारी दी है। यह मामला दिल्ली में कुत्ता काटने से होने वाली मौतों से संबंधित है। पिछले कुछ समय से दिल्ली और अन्य क्षेत्रों में कुत्ता काटने से होने वाली मौतों को लेकर विवाद बढ़ गया है, और सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई कर रहा है। अदालत ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तलब किया था।
सरकार के आंकड़ों में विसंगति
एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने संसद में दावा किया कि 2022 से 2024 के बीच दिल्ली में कुत्ता काटने से रेबिज बीमारी के कारण कोई भी व्यक्ति नहीं मरा। यह जानकारी केंद्रीय राज्यमंत्री एसपी सिंह बघेल ने दी थी। लेकिन सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी से पता चला है कि इस अवधि में कम से कम 18 लोगों की रेबिज से मौत हुई है। यह सोचने वाली बात है कि सरकार ने 18 मौतों के आंकड़े को अपने रिपोर्ट से गायब कर दिया। महर्षि वाल्मिकी इन्फेक्शस डिजीज हॉस्पिटल ने इस आंकड़े की पुष्टि की है, जो दिल्ली नगर निगम का एकमात्र संक्रामक रोग अस्पताल है।
