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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएम ने चौकीदारों को दिए इलेक्ट्रिक हीटर

दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने चौकीदारों को इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए हैं। यह पहल सर्दियों में खुले में आग जलाने से होने वाले धुएं को कम करने के उद्देश्य से की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदूषण कम करने के लिए मिशन मोड में काम कर रही है और नागरिकों की सहभागिता भी आवश्यक है। जानें इस पहल के पीछे की सोच और सरकार के अन्य प्रयासों के बारे में।
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दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएम ने चौकीदारों को दिए इलेक्ट्रिक हीटर

दिल्ली में प्रदूषण के खिलाफ ठोस कदम

-प्रदूषण के खिलाफ सभी मोर्चों पर मिशन मोड में काम कर रही है सरकार: सीएम रेखा गुप्ता


-प्रदूषण के विरुद्ध जन-भागीदारी भी बेहद आवश्यक: पर्यावरण मंत्री सिरसा


नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता ने आज राजधानी की विभिन्न आरडब्ल्यू को रात्रि चौकीदारों के लिए इलेक्ट्रिक हीटर वितरित किए। इस पहल का उद्देश्य सर्दियों में खुले में आग जलाने से होने वाले धुएं व प्रदूषण को कम करना है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली सरकार भविष्य में भी इस प्रकार के कदम लगातार उठाती रहेगी, ताकि राजधानी को स्वच्छ, सुरक्षित और प्रदूषण-मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक हीटर एक सुरक्षित, स्वच्छ और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प हैं, जो प्रदूषण से लड़ाई में एक प्रभावी सहायक है। मुख्यमंत्री के अनुसार प्रदूषण कम करने के लिए सरकार मिशन मोड में काम कर रही है।


इलेक्ट्रिक हीटरो का यह वितरण दिल्ली हाट, पीतमपुरा में डीएसआईआईडीसी के सीएसआर फंड से किया गया। मुख्यमंत्री ने इसके लिए कार्यक्रम में उपस्थित पर्यावरण व उद्योग मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा और डीएसआईआईडीसी का धन्यवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी में सर्दियों के दौरान खुले में आग जलाना प्रदूषण का एक बड़ा स्रोत है, जो हवा में धुएं की मोटी परत बना देता है। चौकीदारों को दिए जा रहे बिजली के हीटर धुएं को नियंत्रित करने में प्रभावी भूमिका निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए युद्ध-स्तर पर कार्य कर रही है। सरकार द्वारा सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और वाटर स्प्रिंकलिंग की व्यवस्था को बढ़ाया गया है। बिजली के खंभों पर मिस्ट स्प्रे तकनीक लगाई जा रही है। पूरे शहर में डस्ट मिटिगेशन प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है। साथ ही औद्योगिक इकाइयों में उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं।


मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दिल्ली की लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों की वॉल-टू-वॉल कारपेटिंग कर धूल उड़ने की संभावनाओं को कम किया जा रहा है। खुले में कूड़ा या लकड़ी जलाने पर सख्त रोक लागू है। इसके साथ ही जरूरतमंद परिवारों को गैस कनेक्शन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि ईंधन के रूप में लकड़ी के उपयोग को घटाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के इन प्रयासों के कारण ही प्रदूषण स्तर में सुधार देखने को मिला है, परंतु इसे स्थायी रूप से कम करने के लिए नागरिकों की सहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने आरडब्ल्यूए, निवासियों और स्थानीय समुदायों से अपील की कि यदि कहीं भी लकड़ी, कोयला या कचरा जलता हुआ दिखाई दे, तो तुरंत उसे रोकने की पहल करें। उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण की इस लड़ाई में प्रत्येक नागरिक की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सरकार और समाज, दोनों की साझा जिम्मेदारी है।


कार्यक्रम में पर्यावरण व उद्योग मंत्री श्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता जी के नेतृत्व में दिल्ली प्रदूषण के विरुद्ध एक मजबूत युद्ध लड़ रही है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिल्ली में वाहनों की संख्या लगभग 10 प्रतिशत बढ़ी है और निर्माण गतिविधियों में 20 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, इसके बावजूद शहर ने पिछले वर्षों की तुलना में एयर क्वालिटी इंडेक्स में लगातार, महत्वपूर्ण और उत्साहवर्धक सुधार दर्ज किया है। करीब 40 प्रतिशत लिगेसी कचरे के पहाड़ साफ कर दिए गए हैं और बड़ी मात्रा में पुनः प्राप्त भूमि पर वृक्षारोपण किया गया है, जो प्रदूषण नियंत्रण के प्रति हमारी व्यापक रणनीति को दर्शाता है। जनभागीदारी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए व्यवहारिक बदलाव अत्यंत आवश्यक है। पर्यावरण मंत्री श्री सिरसा ने नागरिकों, ठेकेदारों और सामुदायिक समूहों से अपील की कि वे पर्यावरण-अनुकूल व्यवहार को अपनाएं और दिल्ली को प्रदूषण-मुक्त बनाने के इस सामूहिक मिशन में सक्रिय रूप से योगदान दें।