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पश्चिम बंगाल में हुमायूं कबीर का एआईएमआईएम से गठबंधन का संकेत

पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक नया मोड़ आया है जब निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने एआईएमआईएम के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा की। उन्होंने हाल ही में बाबरी मस्जिद की शैली में मस्जिद की नींव रखी, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हुआ। कबीर का यह कदम राज्य में बीजेपी और टीएमसी के खिलाफ एक नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और कबीर के राजनीतिक सफर के बारे में।
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पश्चिम बंगाल में हुमायूं कबीर का एआईएमआईएम से गठबंधन का संकेत

नई दिल्ली में राजनीतिक हलचल


नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। निलंबित टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने बताया है कि वे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह गठबंधन राज्य में बीजेपी और टीएमसी के प्रभाव को कम करने के लिए बनाया जा रहा है।


बाबरी मस्जिद की शैली में मस्जिद की नींव

यह बयान तब आया जब उन्होंने मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में बाबरी मस्जिद की शैली में मस्जिद की नींव रखी। इस समारोह की शुरुआत कुरान पाठ से हुई और इसके बाद नींव रखने की प्रक्रिया संपन्न हुई। कबीर ने कहा कि इस कार्यक्रम में हजारों लोग शामिल हुए, जिसमें सऊदी अरब से आए दो मौलानाओं ने भी भाग लिया।


कार्यक्रम का आयोजन और विवाद

कार्यक्रम स्थल पर 'नारा-ए-तकबीर' और 'अल्लाहु अकबर' के नारे गूंजते रहे। बड़ी संख्या में स्थानीय लोग ईंटें लेकर मस्जिद स्थल पर पहुंचे। यह कार्यक्रम 6 दिसंबर को आयोजित किया गया, जो बाबरी मस्जिद के ढहने की बरसी है। इस गतिविधि को लेकर पहले से ही राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो चुका था, जिसके चलते टीएमसी ने कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया था।


कबीर के आरोप और कोर्ट का निर्णय

कबीर ने आरोप लगाया कि कुछ लोग इस कार्यक्रम को रोकने की साजिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन ने कार्यक्रम में सहयोग किया। इस मामले को कलकत्ता हाई कोर्ट में भी ले जाया गया, जहां कोर्ट ने मस्जिद निर्माण में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, लेकिन राज्य सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए। टीएमसी ने इस प्रोजेक्ट से खुद को अलग कर लिया है और सामहति दिवस मनाने का निर्णय लिया है ताकि सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा दिया जा सके।


हुमायूं कबीर का राजनीतिक सफर

हुमायूं कबीर पहले कांग्रेस और बीजेपी में रह चुके हैं। बाद में वे टीएमसी में शामिल हुए, लेकिन हाल की घटनाओं के बाद अब वे एआईएमआईएम के साथ अपने राजनीतिक भविष्य पर विचार कर रहे हैं। उनके इस कदम को पश्चिम बंगाल की चुनावी राजनीति में एक नए समीकरण के रूप में देखा जा रहा है।