पीठ के दर्द से राहत पाने के आयुर्वेदिक उपाय
पीठ के दर्द के संकेत और कारण
नई दिल्ली: सुबह उठते समय पीठ में जकड़न और करवट लेते समय चिक जैसी आवाज आना, ये सभी कमर की समस्याओं के संकेत हैं। अक्सर, एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने या भारी सामान उठाने से ये समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, पीठ के दर्द को वात दोष से जोड़ा गया है। जब वात दोष बढ़ता है, तो मांसपेशियों में अकड़न आ जाती है, जिससे पीठ दर्द, गठिया और स्लिप डिस्क जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
लक्षण और घरेलू उपचार
पीठ के दर्द के लक्षणों में झुकने में कठिनाई, चलते समय अकड़न, और कंधे तथा गर्दन में भारीपन शामिल हैं। आयुर्वेद में, पीठ के दर्द को घरेलू उपचारों और आहार में बदलाव के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। सुबह सरसों के गर्म तेल से मालिश करने के बाद गर्म पानी से सिकाई करें। शाम को भी नमक डालकर गर्म पानी से सिकाई करें।
आहार में बदलाव
पीठ के दर्द के दौरान मुलायम गद्दे पर सोना और शरीर पर जोर न डालना महत्वपूर्ण है। आहार में मूंग की दाल और दूध से बने उत्पादों को शामिल करें। हरी सब्जियों का सेवन करें और रात में हल्दी वाला दूध पीना न भूलें।
अन्य सुझाव
रात को मेथी दाना भिगोकर सुबह उसका पानी और कुछ दाने चबाएं। भारी सामान उठाने से बचें और हल्की सैर और स्ट्रेचिंग करें। यदि दर्द बढ़ता है, तो फिजियोथैरेपिस्ट से सलाह लें।
