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प्रतापगढ़ में चलती ट्रेन की छत पर चढ़ा युवक, 40 मिनट में बचाई जान

प्रतापगढ़ में काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में एक युवक ने चलती ट्रेन की छत पर चढ़कर हड़कंप मचा दिया। यात्रियों की सूचना पर जीआरपी ने 40 मिनट की मेहनत के बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतारा। युवक की पहचान संतकबीर नगर के मोहम्मद अनस के रूप में हुई है, जो मानसिक विक्षिप्त है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जानें पूरी घटना के बारे में।
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प्रतापगढ़ में चलती ट्रेन की छत पर चढ़ा युवक, 40 मिनट में बचाई जान

प्रतापगढ़ में युवक की खतरनाक हरकत

प्रतापगढ़। काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस में एक युवक की खतरनाक हरकत ने हड़कंप मचा दिया। शनिवार शाम को मां बेल्हा देवी धाम रेलवे स्टेशन पर युवक ट्रेन की छत पर चढ़ गया और दौड़ने लगा। इस घटना के बाद पुलिस और रेलवे कर्मचारियों ने करीब 40 मिनट की मेहनत के बाद युवक को सुरक्षित नीचे उतारा। जीआरपी ने युवक को हिरासत में ले लिया है, और बताया जा रहा है कि वह मानसिक विक्षिप्त है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है।


नई दिल्ली से मंडवाडीह जाने वाली (14258) काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस शनिवार को लगभग चार बजकर 20 मिनट पर प्रतापगढ़ के मां बेल्हा देवी धाम रेलवे स्टेशन पर पहुंची। करीब चार बजकर 30 मिनट पर एक युवक अचानक ट्रेन की छत पर चढ़ गया। यात्रियों ने उसे रोकने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं रुका और ट्रेन की छत पर दौड़ने लगा। इस दौरान ट्रेन भी चलने लगी और युवक छत पर दौड़ने लगा। ट्रेन के ऊपर हाईटेंशन तार भी गुजर रहे थे। यात्रियों ने तुरंत रेलवे अधिकारियों और जीआरपी को सूचित किया।



युवक ने ट्रेन की छत पर दौड़ते हुए लगभग चार डिब्बों को पार कर लिया। गनीमत यह रही कि रेलवे अधिकारियों ने बिजली सप्लाई बंद कर दी थी। जब जीआरपी के सिपाही युवक को नीचे उतारने के लिए ट्रेन पर चढ़े, तो वह और तेजी से भागने लगा। अंततः एक सिपाही ने उसे दौड़कर पकड़ लिया। कड़ी मेहनत के बाद जीआरपी के जवानों ने युवक को सुरक्षित नीचे उतारा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि युवक की पहचान संतकबीर नगर के 27 वर्षीय मोहम्मद अनस के रूप में हुई है। वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और मां बेल्हा देवी धाम रेलवे स्टेशन के आसपास घूमता रहता है। फिलहाल, उसे हिरासत में लिया गया है। इस घटना के दौरान लगभग 40 मिनट तक छह ट्रेनें रेलवे ट्रैक पर खड़ी रहीं। युवक को सुरक्षित नीचे उतारने के बाद ट्रेनों को फिर से चलने की अनुमति दी गई।