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बठिंडा में बम धमाकों की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को चुनौतियाँ

बठिंडा के गांव जीदा में हाल ही में हुए बम धमाकों ने सुरक्षा एजेंसियों को चुनौती दी है। एनआईए और अन्य सुरक्षा बलों ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन विस्फोटक सामग्री को नष्ट करने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। गुरप्रीत सिंह, जो बम बना रहा था, ने आतंकी मसूद अजहर के प्रभाव में आकर जिहादी बनने की इच्छा जताई है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक है।
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बठिंडा के गांव जीदा में बम धमाकों की स्थिति

बठिंडा के जीदा गांव में एक घर में पिछले पांच दिनों में हुए पांच बम धमाकों के बाद विस्फोटक सामग्री को नष्ट करने में सुरक्षा एजेंसियों को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस मामले की जांच के लिए एनआईए की टीम भी बठिंडा पहुंच चुकी है। पुलिस ने बम की जांच के लिए सेना को भी पत्र लिखा है।


जांच में शामिल एजेंसियाँ

इस मामले में बठिंडा पुलिस के अलावा, बम निरोधक दस्ते, पीएपी जालंधर, सीआइए, आईबी और कांउटर इंटेलिजेंस भी शामिल हैं। सभी एजेंसियों के प्रयासों के बावजूद, बम निरोधक दस्ते को आरोपित के घर में मौजूद केमिकल को नष्ट करने में कठिनाई हो रही है।


धमाकों की श्रृंखला

घर में मौजूद केमिकल को नष्ट करने के दौरान हुए धमाकों के कारण नष्ट करने वाला रोबोट भी क्षतिग्रस्त हो गया है। 10 सितंबर को पहला धमाका तब हुआ जब आरोपित गुरप्रीत सिंह ने ऑनलाइन मंगवाए केमिकल से बम बनाने का प्रयास किया। परिवार ने इस घटना की सूचना पुलिस को नहीं दी, बल्कि घायल गुरप्रीत को अस्पताल में भर्ती कराया।


गुरप्रीत का बयान

गुरप्रीत ने पूछताछ में बताया कि उसने 12वीं कक्षा में कामर्स की पढ़ाई की है, लेकिन उसकी रुचि केमिस्ट्री में थी। वह घर में केमिस्ट्री लैब बनाना चाहता था और यूट्यूब पर आतंकी मसूद अजहर के वीडियो देखकर प्रभावित हुआ। उसने कहा कि वह जिहादी बनकर बलिदान देना चाहता था।


विस्फोटक सामग्री की जानकारी

घर से मिली विस्फोटक सामग्री में पिकरिक एसिड, अमोनियम नाइट्रेट, अमोनियम सल्फेट, लेड नाइट्रेट और फास्फोरस पेंटाक्साइड शामिल हैं। ये सभी सामग्री अत्यधिक खतरनाक हैं और विभिन्न प्रकार के विस्फोटों में उपयोग की जाती हैं।


सामाजिक चिंता

यह घटना गंभीर चिंता का विषय है, क्योंकि एक युवा व्यक्ति आतंकी संगठनों के प्रभाव में आकर बलिदान देने के लिए तैयार हो गया। यह परिवार और समाज के लिए एक चेतावनी है कि बच्चों की संगत और गतिविधियों पर ध्यान देना आवश्यक है।


संपादक का संदेश

बठिंडा में बम धमाकों की जांच में सुरक्षा एजेंसियों को चुनौतियाँ


-इरविन खन्ना, मुख्य संपादक।