बाल दिवस पर शुभकामनाएँ: बच्चों की मासूमियत का जश्न
बाल दिवस की शुभकामनाएँ हिंदी में
बाल दिवस की शुभकामनाएँ: हर साल 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाने वाला बाल दिवस, बच्चों की मासूमियत और देश के भविष्य को समर्पित एक विशेष दिन है।
इस दिन स्कूलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन बच्चों के प्रति अपने प्यार को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करना भी एक सुखद अनुभव है। बच्चों की दुनिया की मासूमियत को कविताओं और शायरी के जरिए बखूबी व्यक्त किया जा सकता है। इस बाल दिवस, यदि आप अपने दोस्तों और परिवार के बच्चों को शुभकामनाएँ देना चाहते हैं, तो आप उन्हें ये शायरी, कोट्स और विशेज भेज सकते हैं।
बाल दिवस पर शुभकामनाएँ
बाल दिवस पर शुभकामनाएँ
कलियाँ खिलने को हैं, चिड़ियाँ चहकने को,
ये नन्हे हाथ दुनिया को सजाने आए हैं।
हर बच्चा एक रंग है, अपनी अलग महक,
बस थोड़ा सा प्यार, इन्हें खिलने दीजिए।
किताबों के पन्नों में, सपनों का बसेरा,
नन्हीं उँगलियाँ इन्हें छूकर सच करेंगी।
ये आँखें हैं वो खिड़की, जहाँ कल का सूरज छिपा है,
इन्हें पढ़ने-लिखने का हर मौका दीजिए।
खेल-खेल में ही सीख जाते हैं ज़िंदगी के सबक,
गिरकर संभलना, हारकर फिर से जीतना।
ये उनका पहला पाठ है, बिना किताब के,
इनके खेल को महज़ एक खेल न समझिए।
करोड़ों सवालों की फौज इनके मन में,
"क्यों?" और "कैसे?" का ये हर पल पीछा करते हैं।
इन जिज्ञासाओं को कभी रौंदे नहीं,
क्योंकि एक सवाल में अनंत जवाब छिपे हैं।
चॉकलेट की कीमत हीरों से बढ़कर है,
एक गुब्बारे में भी आसमाँ समाया है।
हमें उनकी दुनिया का मोल समझना होगा,
ये नन्हे दिल बहुत बड़ा प्यार लुटाते हैं।
बाल दिवस की बधाई
बाल दिवस की बधाई
उनकी हँसती आँखों में, चमकता एक सवेरा,
नई उम्मीदों का एक ताजा इशारा है।
ये बच्चे ही तो हैं, देश का भविष्य,
इन्हें अच्छे संस्कारों की एक सौगात दीजिए।
गंदगी से दूर, ये स्वच्छता के दूत बनें,
पेड़ लगाएँ, पानी बचाएँ, ये संदेश दोहराएँ।
आओ हम सब मिलकर इन्हें अच्छा माहौल दें,
ताकि ये बचपन का असली मज़ा उठा सकें।
मम्मी की लोरी, पापा का फेंका हवा में,
यादें बनकर दिल में हमेशा संजोए रखते हैं।
बचपन की यही तो सबसे बड़ी पूँजी है,
जो बुढ़ापे की ठंडक में भी रौशनी बनकर चमकती है।
दुनिया की भागदौड़ इन्हें अभी न समझाएँ,
इनके बचपन को बच्चा बनने दीजिए।
क्योंकि एक फूल की पंखुड़ी जैसा होता है बचपन,
जो एक बार खिलकर फिर कभी नहीं खिलता।
नटखट हंसी और शरारतों का मौसम,
बचपन है सबसे प्यारा आलम।
बाल दिवस का त्योहार आया,
बचपन फिर से मुस्कुराया।
