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भारत, ताजिकिस्तान और ईरान में भूकंप के झटके: क्या है इसके पीछे का कारण?

शनिवार की सुबह भारत, ताजिकिस्तान और ईरान में भूकंप के झटकों ने लोगों को जागरूक किया। असम में हल्के झटके से लेकर ईरान में तेज भूकंप तक, इन घटनाओं ने चिंता का माहौल बना दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्रीय टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल का संकेत हो सकता है। जानें इन घटनाओं के पीछे का कारण और प्रशासन की तैयारी के बारे में।
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भारत, ताजिकिस्तान और ईरान में भूकंप के झटके: क्या है इसके पीछे का कारण?

भूकंप ने जगाई नींद

शनिवार की सुबह, भारत, ताजिकिस्तान और ईरान में भूकंप के झटकों ने लोगों को नींद से जगा दिया। इन तीनों देशों में भूकंप अलग-अलग समय पर आया, जिससे लोगों में भय और चिंता का माहौल बन गया। हालांकि, अभी तक किसी बड़े नुकसान या जनहानि की कोई सूचना नहीं है.


असम में हल्के झटके

भारत में सबसे पहले असम राज्य में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह-सुबह आई इस हलचल की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.9 मापी गई, जिसका केंद्र जमीन से लगभग 40 किलोमीटर नीचे था। इससे पहले 8 जुलाई को असम के आंगलोंग क्षेत्र में 4.1 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था। लगातार हो रही हलचल से स्थानीय लोग चिंतित हैं.


ताजिकिस्तान में भूकंप

इसके कुछ घंटों बाद, ताजिकिस्तान में रात लगभग 1 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इस बार इसकी तीव्रता 4.0 रही और इसका केंद्र जमीन से करीब 160 किलोमीटर नीचे था। झटकों की तीव्रता इतनी थी कि लोग नींद में से जागकर घरों से बाहर निकल आए। फिलहाल वहां किसी प्रकार की जान-माल की क्षति की खबर नहीं है.


ईरान में तेज भूकंप

ईरान में भी आज सुबह एक तेज भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.6 रही। कई इलाकों में कंपन महसूस किए गए और घबराए हुए लोग घरों से निकलकर खुले स्थानों की ओर भागे। प्रशासन ने तुरंत राहत दलों को सतर्क कर दिया है और स्थिति पर निगरानी रखी जा रही है.


विशेषज्ञों की चिंता

तीनों देशों में एक ही दिन भूकंप आने से विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह क्षेत्रीय टेक्टॉनिक प्लेट्स की हलचल का संकेत हो सकता है। उन्होंने लोगों से सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन के सभी निर्देशों का पालन करने की अपील की है। फिलहाल सभी देश स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.