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भारत ने TRF पर कसा शिकंजा: अमेरिका और UN को सौंपा डोजियर

भारत ने आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र को एक विस्तृत डोजियर सौंपा है। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, लश्कर-ए-तैयबा के इस फ्रंट संगठन को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी गई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वॉशिंगटन में TRF से जुड़े सबूत प्रस्तुत किए, जिससे भारत और अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ साझा दृष्टिकोण स्पष्ट होता है। सज्जाद गुल, जो TRF का नेतृत्व कर रहा है, पाकिस्तान से आतंकवादी गतिविधियों की योजना बना रहा है।
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भारत ने TRF पर कसा शिकंजा: अमेरिका और UN को सौंपा डोजियर

भारत की ठोस कार्रवाई

India TRF dossier: पहलगाम हमले के लगभग एक महीने बाद, भारत ने आतंकवादी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के खिलाफ ठोस कदम उठाते हुए अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) को एक विस्तृत डोजियर प्रस्तुत किया। इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के इस फ्रंट संगठन को अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता दी गई है।


विदेश सचिव की अमेरिका यात्रा

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने वॉशिंगटन में अपनी यात्रा के दौरान TRF से संबंधित आतंकवाद के सबूत अमेरिका को सौंपे। इसी तरह का एक डोजियर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र की 1267 प्रतिबंध समिति को भी प्रस्तुत किया गया। भारत को इस आतंकी टैग की औपचारिक घोषणा से चार दिन पहले इसकी जानकारी दी गई थी।


भारत और अमेरिका का साझा दृष्टिकोण

आतंकवाद के खिलाफ भारत-अमेरिका का साझा रुख: TRF को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में मान्यता मिलने से यह स्पष्ट होता है कि भारत और अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं। यह कदम पाकिस्तान को यह संदेश देता है कि अमेरिका आतंकवाद के मुद्दे पर कोई ढील नहीं देगा, चाहे राष्ट्रपति ट्रंप और पाक सेना प्रमुख हाफिज असीम मुनीर की मुलाकात कितनी ही चर्चित क्यों न हो।


डोजियर का विवरण

विदेश सचिव मिस्री ने सौंपा था डोजियर: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 27 से 29 मई के बीच वॉशिंगटन की यात्रा के दौरान TRF से जुड़ी गतिविधियों और सबूतों का विस्तृत डोजियर अमेरिका के विदेश विभाग को सौंपा। इसी प्रकार का दस्तावेज संयुक्त राष्ट्र की 1267 समिति को भी सौंपा गया, ताकि TRF को विशेष आतंकी संगठन घोषित किया जा सके।


TRF का नेतृत्व

ISI और LeT का मोहरा TRF: TRF का नेतृत्व शेख सज्जाद गुल उर्फ सज्जाद अहमद शेख कर रहा है, जिसे ISI ने लश्कर का कश्मीरी चेहरा बनाने के लिए चुना। यह संगठन 2020 से 2024 तक जम्मू-कश्मीर के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है, जिनमें ग्रेनेड हमले और पुलिस पर घात लगाकर हमले शामिल हैं।


सज्जाद गुल का आतंकवादी नेटवर्क

पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहा सज्जाद गुल: सज्जाद गुल वर्तमान में रावलपिंडी (पाकिस्तान) में छिपा हुआ है और वहीं से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की साजिशें रच रहा है। वह कट्टरपंथ, भर्ती, फंडिंग और हमलों की योजना में सक्रिय रूप से शामिल है।


सज्जाद का आतंकवादी सफर

सज्जाद का आतंकी सफर: सज्जाद गुल, जो HMT, श्रीनगर का निवासी है, ने बेंगलुरु से MBA और केरल से लैब टेक्नीशियन कोर्स किया। उसने श्रीनगर में एक डायग्नोस्टिक लैब खोली और लश्कर की मदद करना शुरू किया। उसे 2003 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था, जब उसके पास से 5 किलो RDX बरामद हुआ था। सज्जाद को 10 साल की सजा हुई थी।


जेल से रिहाई के बाद

जेल से रिहा होने के बाद, 2017 में सज्जाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान भाग गया। 2019 में पुलवामा हमले के बाद, जब पाकिस्तान की वैश्विक आलोचना हुई, तब ISI ने TRF की स्थापना की और सज्जाद को इसका मुखिया बनाया, ताकि यह दिखाया जा सके कि आतंकवाद कश्मीर के अंदर से ही पनप रहा है। लेकिन TRF वास्तव में ISI-LeT का ही डेमन चाइल्ड है।