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भारत-नेपाल के बीच उच्च स्तरीय वार्ता: जेन जेड विरोध के बाद पहली बैठक

नेपाल में जेन जेड के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, भारत और नेपाल के बीच उच्च स्तरीय वार्ता का आयोजन होने जा रहा है। इस बैठक में सीमा पार अपराधों को रोकने और खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में सुधार पर चर्चा की जाएगी। नेपाल में अगले साल आम चुनाव भी होने हैं, जिससे यह वार्ता और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। जानें इस वार्ता के प्रमुख बिंदुओं के बारे में।
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भारत-नेपाल के बीच उच्च स्तरीय वार्ता: जेन जेड विरोध के बाद पहली बैठक

भारत और नेपाल के बीच वार्ता का महत्व

नई दिल्ली: नेपाल में जेन जेड के हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद, केपी ओली की सरकार के पतन के बाद, भारत और नेपाल के बीच उच्च स्तरीय वार्ता का आयोजन होने जा रहा है। दोनों देशों के सीमा सुरक्षा बलों के प्रमुख बुधवार से अपनी वार्षिक समन्वय बैठक शुरू करेंगे। इस बैठक में सीमा पार अपराधों को रोकने और वास्तविक समय में खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान में सुधार पर चर्चा की जाएगी।


हिंसक प्रदर्शनों का प्रभाव

सितंबर में काठमांडू में 'जनरेशन जेड' के नेतृत्व में हुए हिंसक प्रदर्शनों ने केपी ओली की सरकार को गिराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस दौरान कई लोगों की जान गई और संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ। भारत के सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और नेपाल के सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के बीच यह पहली उच्च-स्तरीय बातचीत होगी।


आर्थिक नुकसान का आकलन

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंसक प्रदर्शनों के कारण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को 100 अरब नेपाली रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है, जबकि निजी क्षेत्र ने 80 अरब नेपाली रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है।


समन्वय बैठक की जानकारी

9वीं वार्षिक समन्वय बैठक 12 से 14 नवंबर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें एसएसबी और एपीएफ के प्रतिनिधि शामिल होंगे। एसएसबी के महानिदेशक संजय सिंघल भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे, जबकि एपीएफ के महानिरीक्षक राजू आर्यल नेपाल का प्रतिनिधित्व करेंगे।


भविष्य की योजनाएं

एसएसबी द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि बैठक में सीमा पार अपराधों को रोकने के लिए प्रभावी तंत्र बनाने, वास्तविक समय में सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए तेज और विश्वसनीय प्रणालियों की स्थापना, और भारत-नेपाल सीमा पर शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रथाओं को बढ़ाने पर चर्चा की जाएगी।


नेपाल में आगामी चुनाव

नेपाल में अगले वर्ष आम चुनाव होने वाले हैं। अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने अक्टूबर में अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वासन दिया था कि वर्तमान प्रशासन अगले छह महीनों में संसदीय चुनाव कराने और निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंपने के लिए प्रतिबद्ध है।