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भोपाल स्कूल में छत गिरने से छात्रा घायल, सरकारी स्कूलों की स्थिति पर सवाल

भोपाल के पीएम श्री महारानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स स्कूल में एक छात्रा पर छत का प्लास्टर गिरने से उसे चोटें आईं। इस घटना ने मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। प्रिंसिपल ने पहले ही प्रशासन को खतरे की चेतावनी दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षा विभाग की चुप्पी ने लापरवाही को और बढ़ा दिया है। यह घटना पूरे राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है।
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भोपाल स्कूल में छत गिरने से छात्रा घायल, सरकारी स्कूलों की स्थिति पर सवाल

भोपाल के स्कूल में हुई दुर्घटना

भोपाल स्कूल: भोपाल के बरखेड़ा पठानी में स्थित पीएम श्री महारानी लक्ष्मीबाई गर्ल्स स्कूल में एक गंभीर घटना ने मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। स्कूल में एक कक्षा के दौरान अचानक छत का प्लास्टर गिरने से एक छात्रा घायल हो गई। इस घटना में एक शिक्षक और एक अन्य छात्र बाल-बाल बच गए। यह पूरी घटना कक्षा के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसने लापरवाही की गंभीरता को और स्पष्ट किया।


घटना सुबह 11:54 बजे हुई, जब शिक्षक कक्षा में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक छत से प्लास्टर का एक बड़ा टुकड़ा गिरा और एक छात्रा को चोट आई। कक्षा में हड़कंप मच गया, लेकिन कुछ छात्रों ने तुरंत अपनी घायल सहपाठी की मदद की। छात्रा को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया। इस घटना ने स्कूल के बुनियादी ढांचे की कमजोर स्थिति को उजागर किया।



पहले ही दी गई थी चेतावनी


इस घटना की सबसे चिंताजनक बात यह है कि स्कूल की प्रिंसिपल ने पहले ही प्रशासन को संभावित खतरे की चेतावनी दी थी। जिला शिक्षा अधिकारी को लिखे पत्र में प्रिंसिपल ने बताया था कि लगातार बारिश के कारण स्कूल की कई कक्षाओं की छतें कमजोर हो गई हैं और उनमें पानी का रिसाव हो रहा है। पत्र की एक प्रति फंदा के खंड शिक्षा अधिकारी को भी भेजी गई थी। हालांकि, स्कूल के कुछ हिस्सों में मरम्मत का काम चल रहा है, लेकिन जिस कक्षा में यह हादसा हुआ, वहां कोई सुधार नहीं किया गया था।


शिक्षा विभाग की चुप्पी


इस घटना के बाद शिक्षा विभाग की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। यह चुप्पी मध्य प्रदेश की सरकारी शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त लापरवाही को और उजागर करती है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मध्य प्रदेश में 1,022 स्कूल जर्जर इमारतों में चल रहे हैं या ऐसी जगहों पर हैं जहां कोई ढांचा ही नहीं है। इसके अलावा, 12,000 से अधिक स्कूल केवल एक शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। 9,500 स्कूलों में बिजली की सुविधा नहीं है, और 2,972 स्कूलों में लड़कियों के लिए शौचालय तक नहीं हैं। सालों पहले स्वीकृत 3,342 कक्षाओं का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। ये आंकड़े राज्य की शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को दर्शाते हैं।


सवाल जो बने रह गए


महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल में घायल छात्रा की चोटें भले ही मामूली हों, लेकिन यह घटना एक बड़े सवाल को जन्म देती है। आखिर सरकार को शिक्षा के बुनियादी ढांचे को सुधारने के लिए और कितनी चेतावनियों की जरूरत है? यह हादसा सिर्फ एक स्कूल की कहानी नहीं, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति का प्रतीक है।