मानसून सत्र में विपक्ष का सरकार पर दबाव: क्या उठेंगे महत्वपूर्ण मुद्दे?

राजनीतिक विवादों का नया दौर
21 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में राजनीतिक विवादों की संभावना बढ़ गई है, क्योंकि विपक्षी INDIA गठबंधन ने सरकार को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर घेरने की योजना बनाई है। इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा, जम्मू और कश्मीर की पूर्ण राज्यवापसी, गाजा में हो रही घटनाएं, और बिहार में चुनावी अनियमितताएं शामिल हैं.
राष्ट्रपति ट्रंप के बयान पर सवाल
INDIA गठबंधन के नेताओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संसद में राष्ट्रपति ट्रंप के 'सीजफायर' के दावे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। उनका आरोप है कि यह बयान भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर सकता है। इसके साथ ही, जम्मू और कश्मीर में राज्य की बहाली के मुद्दे को भी उठाने की योजना है.
पहल्गाम हमले पर विरोध
गठबंधन ने पहल्गाम में हुए आतंकवादी हमले को '140 करोड़ लोगों के सम्मान' से जोड़ा है और इस हमले के दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है। इस मामले में सरकार की चुप्पी और गुप्तचर विफलता पर सवाल उठाए जाएंगे.
बिहार में चुनावी सूची के संशोधन पर चिंता
विपक्षी गठबंधन बिहार में मतदाता सूची के संशोधन को लेकर चिंतित है। उन्हें आशंका है कि यह प्रक्रिया गरीब और हाशिए के समुदायों के मतदान अधिकारों को खतरे में डाल सकती है। विपक्षी नेताओं ने इसे 'अघोषित आपातकाल' की तरह बताया है.
एक देश, एक चुनाव पर चर्चा
CPI महासचिव डी राजा ने कहा कि INDIA गठबंधन सरकार को जम्मू और कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने और 'एक देश, एक चुनाव' के मुद्दे पर जवाब देने के लिए मजबूर करेगा.
ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री का बयान
सरकार ने संकेत दिया है कि संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जा सकती है, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो महत्वपूर्ण बैठकों में उच्चस्तरीय समीक्षा की थी.
संसद में PM की अनुपस्थिति पर विपक्ष का हमला
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को विदेश यात्रा छोड़कर संसद में आकर जवाब देना चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जवाब नहीं देती, जैसे कि विदेश नीति या पाकिस्तान से जुड़े मुद्दे.
कांग्रेस और विपक्ष की रणनीति
विपक्षी दलों ने 24 पार्टियों की बैठक में संयुक्त रणनीति तैयार की है और वे सरकार को कम से कम आठ प्रमुख मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहे हैं। इनमें गाजा में मानवाधिकार उल्लंघन, राज्यों के पुनर्गठन की प्रक्रिया, और महिलाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ते अपराध शामिल हैं.
भारत सरकार पर विपक्ष का दबाव बढ़ेगा
इन मुद्दों के साथ-साथ मानसून सत्र में सरकार पर दबाव बढ़ने की संभावना है। विपक्ष ने संकल्प लिया है कि वे प्रधानमंत्री से स्पष्ट जवाब मांगेंगे, खासकर जब बात उनकी विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों की हो.