लाल किले के पास धमाके की जांच: क्या है आतंकवादी साजिश का सच?
धमाके में उच्च गुणवत्ता वाले विस्फोटक का संदेह
लाल किले के निकट आई20 कार में हुए विस्फोट की जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि इसमें संभवतः उच्च गुणवत्ता वाले मिलिटरी-ग्रेड विस्फोटक का उपयोग किया गया था। जांच अधिकारियों का मानना है कि धमाके की तीव्रता और नुकसान को देखते हुए यह साधारण रासायनिक विस्फोटक जैसे अमोनियम नाइट्रेट से संभव नहीं है, जो कि फरीदाबाद के कुछ स्थानों से बरामद हुए थे।
अंतरराष्ट्रीय आयाम और संदिग्धों की यात्रा
अधिकारियों को क्या संकेत मिले?
जांच ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी महत्वपूर्ण बना दिया है। अधिकारियों को यह संकेत मिले हैं कि संदिग्ध उमर और मुजम्मिल की तुर्की यात्रा के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलर्स से संपर्क के सबूत मिले हैं। प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि पाकिस्तान से इस मॉड्यूल को रिमोट निर्देश मिलते रहे हैं। यदि विस्फोटक की मिलिटरी-ग्रेड प्रकृति की पुष्टि होती है, तो यह किसी सैन्य स्रोत या उच्च स्तर की आपूर्ति का संकेत हो सकता है।
फोरेंसिक जांच और नमूनों का संग्रह
धमाके में क्षतिग्रस्त वाहन के हिस्सों को रोहिणी स्थित फोरेंसिक साइंस लैब भेजा गया है, जहां एफएसएल, सीबीआई और एनआईए की टीमों ने विस्तृत परीक्षण शुरू कर दिया है। फायर ब्रिगेड ने आग बुझाने के लिए पानी का उपयोग किया, जिससे संभावित रासायनिक अवशेष धुल गए। इस कारण से अब तक विस्फोटक की प्रकृति पर स्पष्ट निष्कर्ष नहीं निकला है। घटनास्थल से 200 से अधिक नमूने एकत्र किए गए हैं और फील्ड वैन में भी प्रारंभिक जांच चल रही है।
दिल्ली-एनसीआर में सिरीयल धमाकों की योजना
दिल्ली-एनसीआर में सिरीयल धमाकों की योजना
जांच में यह भी सामने आया है कि यह मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर में सिरीयल धमाकों की योजना बना रहा था। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, पहले लक्ष्य-सूची में इंडिया गेट, कांस्टीट्यूशन क्लब, गौरी शंकर मंदिर, सरोजनी नगर, लाजपत नगर और सदर बाजार जैसे व्यस्त स्थान शामिल थे। प्रारंभिक योजना 26 जनवरी या दीपावली जैसे अवसरों पर कई स्थानों पर एक साथ हमले करने की थी, लेकिन किसी कारणवश लक्ष्य बदले गए और कुछ योजनाएं अधूरी रहीं।
स्थानीय स्तर पर विस्फोटक सामग्री का संग्रह
अधिकारियों का दावा है कि उमर-नबी और मुजम्मिल की रेकी और मोबाइल डंप-डेटा ने लाल किले के पास की गतिविधियों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है। गिरफ्तारियों और पूछताछ से यह भी पता चला है कि फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े अभियुक्तों ने स्थानीय स्तर पर विस्फोटक सामग्री इकट्ठा करने का कार्य शुरू किया था, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट, पोटेशियम नाइट्रेट और सल्फर जैसे घटक शामिल थे।
जांच जारी, विस्फोटक की पहचान का इंतजार
फरीदाबाद में गिरफ्तारी के बाद मॉड्यूल की तैयारी अधर में पड़ी है, लेकिन जांच अभी भी जारी है। फोरेंसिक रिपोर्ट के आने के बाद ही विस्फोटक की सटीक पहचान और कनेक्शन का पता चलेगा। सुरक्षा अधिकारी हर संभावित कड़ी की गहनता से जांच कर रहे हैं ताकि साजिश के पीछे के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
