शिवराज सिंह चौहान ने साझा की मोदी के साथ पहली मुलाकात की यादें

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर शिवराज का भावुक किस्सा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर देशभर से बधाइयों का सिलसिला जारी है। इनमें से कुछ शुभकामनाएं ऐसी हैं, जिनमें केवल शब्द नहीं, बल्कि सुनहरी यादें और गहरा सम्मान भी छिपा होता है। केंद्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पीएम को बधाई देते हुए अपनी पहली मुलाकात का एक ऐसा भावुक किस्सा साझा किया है, जो बहुत कम लोग जानते हैं।यह कहानी 33 साल पुरानी है, जब 1992 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के नेतृत्व में 'एकता यात्रा' का आयोजन किया जा रहा था। इस यात्रा के मुख्य संयोजक नरेंद्र मोदी थे। उस समय शिवराज सिंह चौहान एक युवा सांसद थे और इस यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल हुए।
यात्रा के दौरान, शिवराज को जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में गिरफ्तार कर लिया गया। कुछ दिनों बाद जब उन्हें रिहा किया गया, तो वह अकेले थे और दिल्ली लौटने के लिए पैसे भी नहीं थे। परेशान होकर उन्होंने बीजेपी कार्यालय का रुख किया। वहां नरेंद्र मोदी, जो यात्रा के मुख्य प्रबंधक थे, बहुत व्यस्त थे।
शिवराज को लगा कि इतनी भीड़ में मोदी जी उनसे बात नहीं कर पाएंगे, लेकिन जैसे ही नरेंद्र मोदी की नजर उन पर पड़ी, उन्होंने उन्हें बुलाया और उनकी स्थिति के बारे में पूछा। शिवराज ने अपनी परेशानी बताई। नरेंद्र मोदी ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपनी जेब से पैसे निकालकर शिवराज को दिए, ताकि वह दिल्ली तक पहुंच सकें।
शिवराज ने कहा कि वह उस दिन को कभी नहीं भूल सकते। यह घटना दिखाती है कि नरेंद्र मोदी न केवल एक कुशल संगठनकर्ता हैं, बल्कि एक संवेदनशील व्यक्ति भी हैं, जो अपने कार्यकर्ताओं की चिंता करते हैं। उनके लिए यह केवल आर्थिक मदद नहीं थी, बल्कि एक बड़े नेता का अपने छोटे साथी के प्रति स्नेह का एक बड़ा उदाहरण था।