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सशस्त्र सेना झंडा दिवस: मोदी और राजनाथ ने बलिदान की सराहना की

आज सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय सशस्त्र बलों के साहस और बलिदान की सराहना की। मोदी ने सशस्त्र बलों के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए लोगों से कोष में योगदान देने की अपील की। राजनाथ ने भी सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी को सलाम किया। जानें इस दिन का महत्व और कैसे यह हमारे सैनिकों के प्रति सम्मान प्रकट करता है।
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सशस्त्र सेना झंडा दिवस: मोदी और राजनाथ ने बलिदान की सराहना की

सशस्त्र बलों का साहस और अनुशासन


  • सशस्त्र बलों का साहस और अनुशासन कर्तव्य और समर्पण की मिसाल


प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, नई दिल्ली: आज ‘सशस्त्र सेना झंडा दिवस’ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य नेताओं ने भारतीय सशस्त्र बलों को बधाई दी और उनके शौर्य तथा बलिदान की सराहना की।


देश की रक्षा के लिए आभार व्यक्त करते हुए मोदी

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सशस्त्र बलों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, हम उन बहादुर पुरुषों और महिलाओं के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं जो अटूट साहस के साथ हमारे देश की रक्षा करते हैं।' पीएम ने लोगों से सशस्त्र सेना झंडा दिवस कोष में योगदान देने की अपील भी की। उन्होंने कहा, 'सशस्त्र बलों का अनुशासन, संकल्प और भावना हमारे लोगों की रक्षा करती है और हमारे देश को मजबूत बनाती है।'


राजनाथ सिंह का सशस्त्र सेनाओं के प्रति सम्मान

राजनाथ सिंह ने भी इस अवसर पर कहा, 'सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर, मैं हमारी सशस्त्र सेनाओं की बहादुरी और बलिदान को सलाम करता हूं। उनका साहस हमारे देश की रक्षा करता है और उनकी निस्वार्थ सेवा हमें उस कर्ज की याद दिलाती है जिसे हम कभी चुका नहीं सकते।' उन्होंने सभी से सशस्त्र सेना झंडा दिवस फंड में उदारता से योगदान देने का आग्रह किया।


चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का संदेश

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने सभी भारतीय सशस्त्र बलों के सैनिकों, पूर्व सैनिकों और वीर नारियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने उनकी अटूट सेवा और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान की सराहना की।


सशस्त्र सेना झंडा दिवस का इतिहास

यह दिन 1949 से हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है, ताकि उन शहीदों और सैनिकों को सम्मानित किया जा सके जिन्होंने देश की इज्जत की रक्षा के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। यह दिन राष्ट्रीय एकता को प्रदर्शित करने और दान के माध्यम से युद्ध में घायल सैनिकों, वीर नारियों और उनके आश्रितों के कल्याण के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए मनाया जाता है।