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साइबर ठगी के मामले में ऐतिहासिक फैसला: 9 अपराधियों को उम्रकैद की सजा

पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की अदालत ने साइबर ठगी के मामले में 9 अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन अपराधियों ने खुद को सरकारी अधिकारी बताकर एक करोड़ रुपये की ठगी की थी। इस मामले में डिजिटल फॉरेंसिक की मदद से उनके नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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साइबर ठगी के मामले में ऐतिहासिक फैसला: 9 अपराधियों को उम्रकैद की सजा

साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा

भारत में साइबर धोखाधड़ी से संबंधित मामलों में एक महत्वपूर्ण निर्णय आया है। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की अदालत ने पहली बार 'डिजिटल अरेस्ट' का डर दिखाकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले नौ साइबर अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इन सभी को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338 और आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया है।


महिला सहित सभी दोषी गिरफ्तार

महिला भी शामिल


अदालत ने बताया कि इन अपराधियों ने पिछले वर्ष रानाघाट के एक निवासी से खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताकर एक करोड़ रुपये की ठगी की थी। इस मामले की सुनवाई कल्याणी की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुभर्थी सरकार ने की। दोषियों में एक महिला भी शामिल है, जिन्हें महाराष्ट्र, हरियाणा और गुजरात से गिरफ्तार किया गया था।


धोखाधड़ी का विस्तृत नेटवर्क

जांच में पता चला कि यह गिरोह पूरे देश में फैला हुआ था और अब तक लगभग 108 लोगों को धोखा देकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुका है। इन पर अन्य राज्यों में भी मामले दर्ज होने की संभावना है।


इन ठगों का तरीका अत्यंत चालाक था। वे खुद को सरकारी एजेंसियों का अधिकारी बताकर पीड़ितों को फोन करते थे और फर्जी डिजिटल सबूतों के आधार पर गिरफ्तारी का डर दिखाते थे। भयभीत लोग उनकी बातों में आकर बड़ी रकम उनके बताए खातों में ट्रांसफर कर देते थे।


आर्थिक आतंकवाद की परिभाषा

विशेष लोक अभियोजक बिवास चटर्जी ने अदालत में इसे 'आर्थिक आतंकवाद' करार दिया और बताया कि इन अपराधियों ने रिटायर्ड प्रोफेसर और राज्य सरकार के पूर्व अभियंता की पूरी जीवनभर की कमाई लूट ली।


डिजिटल फॉरेंसिक से खुलासा

नेटवर्क का पर्दाफाश


इस मामले में चार राज्यों से 29 गवाहों की गवाही और 2600 पन्नों की चार्जशीट पेश की गई थी। कई बैंकों के शाखा प्रबंधकों और पुलिस अधिकारियों ने अदालत में साक्ष्य प्रस्तुत किए। CID के अनुसार, सैकड़ों बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड, सिम और मोबाइल जब्त किए गए। कॉल डिटेल और डिजिटल फॉरेंसिक से इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ।