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सुप्रीम कोर्ट का कड़ा संदेश: पराली जलाने वाले किसानों को जेल भेजने की आवश्यकता

दिल्ली और एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने कहा कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसानों को जेल भेजने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों की लाचारी पर सवाल उठाते हुए कहा कि पर्यावरण की रक्षा के लिए दंडात्मक कार्रवाई जरूरी है। कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में रिक्तियों को भरने का भी निर्देश दिया है। जानें इस महत्वपूर्ण सुनवाई के बारे में और क्या कदम उठाए जाएंगे।
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सुप्रीम कोर्ट का कड़ा संदेश: पराली जलाने वाले किसानों को जेल भेजने की आवश्यकता

दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त कार्रवाई

नई दिल्ली :: दिल्ली और एनसीआर में हर साल बढ़ती वायु प्रदूषण की समस्या और पराली जलाने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक कठोर रुख अपनाया। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई ने कहा कि नियमों का बार-बार उल्लंघन करने वाले कुछ किसानों को जेल में डालना चाहिए, ताकि यह एक उदाहरण बने और अन्य लोग इससे सीखें। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कुछ लोग सलाखों के पीछे जाएंगे, तो इससे सही संदेश जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि क्यों किसानों पर दंडात्मक कार्रवाई करने से बचा जा रहा है?


CJI जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष न्यायमित्र अपराजिता सिंह ने बताया कि किसानों को सब्सिडी और उपकरण दिए जाने के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने एक चौंकाने वाली जानकारी साझा करते हुए कहा, 'पिछली बार, किसानों ने कहा था कि उन्हें ऐसे समय पराली जलाने के लिए कहा गया था, जब सैटेलाइट उस क्षेत्र से नहीं गुजर रहा था।' उन्होंने यह भी कहा कि 2018 से सुप्रीम कोर्ट के विस्तृत आदेशों के बावजूद, अधिकारी केवल लाचारी जताते हैं।


इस पर CJI ने नाराजगी व्यक्त करते हुए पूछा कि अधिकारी इस समस्या के समाधान के लिए दंडात्मक प्रावधानों पर विचार क्यों नहीं कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया, 'किसान हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं, और हम उनकी बदौलत ही भोजन प्राप्त करते हैं... लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पर्यावरण की रक्षा नहीं कर सकते।'


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों में खाली पदों को लेकर कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों और राज्य सरकारों को तीन महीने के भीतर सभी रिक्तियों को भरने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, कोर्ट ने CAQM को वायु प्रदूषण रोकने के उपायों पर तीन सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है।