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स्मृति मंधाना का शानदार शतक, लेकिन भारत की जीत में कमी

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही वनडे श्रृंखला में स्मृति मंधाना ने शानदार शतक बनाया, लेकिन अन्य बल्लेबाजों के कमजोर प्रदर्शन के कारण टीम को हार का सामना करना पड़ा। कप्तान हरमनप्रीत कौर का भी प्रदर्शन निराशाजनक रहा। जानें इस मैच की पूरी कहानी और मंधाना की उपलब्धियों के बारे में।
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चल रही तीन मैचों की वनडे श्रृंखला का दूसरा मैच भारतीय टीम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। इस मुकाबले में भारत की प्रमुख बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने शानदार शतक बनाया, लेकिन अन्य बल्लेबाजों का योगदान न मिलने के कारण टीम को जीत की राह पर आगे बढ़ने में कठिनाई हुई। कप्तान हरमनप्रीत कौर का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा, जिससे भारत की जीत की संभावनाएं प्रभावित हुईं।


भारत को पहले बल्लेबाजी का मौका मिला, जब ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर उन्हें पहले बल्लेबाजी करने के लिए आमंत्रित किया। ओपनिंग के लिए प्रतिका रावल और स्मृति मंधाना मैदान पर उतरीं। हालांकि, दोनों के बीच केवल 70 रन की साझेदारी हुई, जिसमें प्रतिका ने 25 रन बनाकर अपना विकेट गंवा दिया। मंधाना ने एक छोर पर मजबूती से बल्लेबाजी की, लेकिन अन्य बल्लेबाजों से कोई खास सहयोग नहीं मिला।


हरलीन देवल तीसरे नंबर पर आईं, लेकिन उनका प्रदर्शन भी निराशाजनक रहा। उन्होंने केवल 10 रन बनाए और जल्दी आउट हो गईं। कप्तान हरमनप्रीत कौर का बल्ला भी नहीं चला, उन्होंने 26 गेंदों में सिर्फ 17 रन बनाए, जिससे भारत की स्थिति और कमजोर हो गई।


जब बाकी बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे, तब स्मृति मंधाना ने अकेले दम पर जिम्मेदारी उठाई और शानदार शतक बनाया। मंधाना ने अपनी 91 गेंदों की पारी में 119 रन बनाए, जिसमें 14 चौके और 4 छक्के शामिल थे। उनका यह शतक भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुआ। हालांकि, मंधाना के आउट होते ही भारत का स्कोर 192 रन था।


यह मंधाना का वनडे क्रिकेट में 12वां शतक था। उन्होंने अब तक 106 वनडे मुकाबले खेले हैं और 4500 से अधिक रन बनाए हैं। यह शतक उनके करियर का एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। मंधाना अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 15 शतक बना चुकी हैं, जिसमें वनडे, टेस्ट और टी20 शामिल हैं। एशिया में किसी महिला क्रिकेटर द्वारा इतने शतक नहीं बनाए गए हैं, और इस तरह मंधाना ने एक नई उपलब्धि हासिल की है। यदि भारत को आगामी महिला वनडे विश्व कप में सफलता प्राप्त करनी है, तो मंधाना को इस तरह की और भी कई पारियां खेलनी होंगी।