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हरियाणा की सुरुचि फोगाट ने शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता

हरियाणा की निशानेबाज सुरुचि फोगाट ने हाल ही में दोहा में आयोजित शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीतकर नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। इस प्रतियोगिता में चंडीगढ़ की संयम ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर पांचवें स्थान पर रहीं। सुरुचि ने अपने पहले वर्ल्ड कप फाइनल में ध्यान केवल मेडल जीतने पर केंद्रित किया। जानें उनके जीवन की कहानी और कैसे एक चोट ने उन्हें शूटिंग की ओर मोड़ दिया।
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हरियाणा की सुरुचि फोगाट ने शूटिंग वर्ल्ड कप में गोल्ड मेडल जीता

प्रतियोगिता में ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर का प्रदर्शन


हरियाणा की निशानेबाज सुरुचि फोगाट ने वर्ल्ड कप प्रतियोगिता में एक नया इतिहास रचते हुए गोल्ड मेडल जीता है। इस प्रतियोगिता में उन्होंने पॉइंट्स का नया वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। यह आईएसएसएफ शूटिंग वर्ल्ड कप प्रतियोगिता दोहा में आयोजित की गई थी। चंडीगढ़ की संयम ने सिल्वर मेडल जीता, जबकि ओलिंपिक मेडलिस्ट मनु भाकर प्रतियोगिता में पांचवें स्थान पर रहीं।


मेडल जीतने पर ध्यान केंद्रित किया

सुरुचि ने कहा, "यह मेरा पहला वर्ल्ड कप फाइनल अनुभव था। मैंने जो सोचा था, वही परिणाम आया। मुझे वर्ल्ड रिकॉर्ड के बारे में नहीं सोचना था, बस मेडल जीतने पर ध्यान केंद्रित किया।"


कंधे की चोट ने बदल दी दिशा

सुरुचि का जन्म 28 अप्रैल 2006 को झज्जर के सासरोली गांव में हुआ। उनके पिता इंदर सिंह फोगाट, जो आर्मी से रिटायर्ड हैं, चाहते थे कि उनकी बेटी पहलवानी करे। लेकिन 13 साल की उम्र में कंधे में फ्रैक्चर के कारण उन्होंने शूटिंग को अपनाया और गुरु द्रोणाचार्य शूटिंग अकादमी भिवानी में कोच सुरेश सिंह के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण लिया।


पिता का आर्मी से रिटायरमेंट

इंदर सिंह फोगाट ने बताया कि वह 2019 में आर्मी से हवलदार के पद से रिटायर हुए। उस समय उनकी बेटी 12 साल की थी। रिटायरमेंट के बाद उन्होंने बेटी को पहलवानी के लिए गांव के अखाड़े में भेजा, लेकिन एक कुश्ती में गले की हड्डी टूटने के बाद उनकी दिशा बदल गई।