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हरियाणा की 'हर घर हर गृहिणी' योजना में पंजीकरण की कमी के कारण

हरियाणा सरकार की 'हर घर हर गृहिणी' योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को रसोई गैस की सुविधा प्रदान करना है। हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी केवल 17.5 लाख परिवारों ने पंजीकरण कराया है। इस लेख में जानें कि क्यों जरूरतमंद लोग इस योजना से दूर हैं, और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
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हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी योजना

हरियाणा सरकार ने 'हर घर हर गृहिणी' योजना की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को रसोई गैस की सुविधा प्रदान करना था। इस योजना के तहत, गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले परिवारों को 500 रुपये में सिलेंडर उपलब्ध कराने का प्रावधान था। हालांकि, एक साल बीत जाने के बाद भी सरकार को अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिल रही है। आंकड़ों के अनुसार, 46 लाख पात्र परिवारों में से केवल 17.5 लाख ने ही पंजीकरण कराया है, और इसके पीछे के कारण चौंकाने वाले हैं।


योजना की शुरुआत 12 अगस्त 2024 को हुई थी, जिसमें BPL कार्डधारकों और अंत्योदय श्रेणी के परिवारों को साल में 12 रसोई गैस सिलेंडर 500 रुपये की दर पर दिए जाने का लक्ष्य था। सरकार का उद्देश्य था कि जो परिवार लकड़ी या कोयले का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें गैस की सुविधा मिले। इसके लिए एक विशेष पोर्टल भी बनाया गया था, लेकिन लोगों की भागीदारी बेहद कम रही है। अब सरकार के सामने यह सवाल है कि आखिर क्यों जरूरतमंद लोग इस लाभकारी योजना से दूर हैं?


पंजीकरण न कराने के कुछ प्रमुख कारणों में से एक है फर्जीवाड़े का डर। पिछले कुछ वर्षों में BPL कार्ड के नाम पर कई फर्जीवाड़े सामने आए हैं। पूर्ववर्ती सरकार के समय आय की सीमा बढ़ाकर ₹1.80 लाख करने से कई ऐसे लोग भी BPL सूची में शामिल हो गए, जो वास्तव में पात्र नहीं थे। जांच के दौरान, पिछले चार महीनों में लगभग 6.36 लाख फर्जी BPL राशन कार्ड रद्द किए गए हैं।


हरियाणा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग अब गैस योजना के तहत आवेदन करने वालों की अंतर्वर्ती जांच करवा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिले जो वास्तव में पात्र हैं। ऐसे में, जो लोग पहले फर्जी जानकारी देकर लाभ उठाते थे, अब आवेदन करने से हिचकिचा रहे हैं।


इसके अलावा, लगभग 2 लाख कार्डधारक अभी भी संदेह के घेरे में हैं। जिनके कार्ड अभी तक रद्द नहीं हुए हैं, उनकी वास्तविक आय BPL श्रेणी की सीमा से अधिक पाई गई है। कई मामलों में, बिजली बिल भी सामान्य नागरिकों के बराबर या उससे अधिक आ रहा है, जिससे उनकी पात्रता पर संदेह और गहरा हो गया है।


खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेश नागर ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि जब सरकार इतनी बड़ी सब्सिडी पर गैस सिलेंडर दे रही है, तो कम पंजीकरण हैरान करने वाला है। उन्होंने यह भी माना कि कम रजिस्ट्रेशन का एक कारण यह हो सकता है कि अब केवल असली BPL परिवार ही आवेदन कर रहे हैं।