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हैदराबाद में बाबरी मस्जिद मेमोरियल का ऐलान, सियासी विवाद बढ़ा

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के विवाद के बीच, हैदराबाद में 'तहरीक मुस्लिम शब्बन' ने बाबरी मस्जिद मेमोरियल बनाने की घोषणा की है। संगठन के अध्यक्ष मुश्ताक मलिक ने कहा कि इस मेमोरियल का निर्माण जल्द शुरू होगा। इस मुद्दे पर बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, इसे धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास करार दिया है। जानें इस सियासी हलचल के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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हैदराबाद में बाबरी मस्जिद मेमोरियल का ऐलान, सियासी विवाद बढ़ा

बाबरी मस्जिद मेमोरियल का निर्माण

हैदराबाद/कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने के विवाद के बीच, ग्रेटर हैदराबाद से एक नई खबर आई है। अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस की 33वीं बरसी पर, 'तहरीक मुस्लिम शब्बन' नामक संगठन ने हैदराबाद में 'बाबरी मस्जिद मेमोरियल' बनाने की योजना की घोषणा की है। संगठन के अध्यक्ष मुश्ताक मलिक ने बताया कि मेमोरियल के निर्माण की तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि बाबर के नाम से किसी को परेशान होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि यह विरोध केवल राजनीतिक रणनीति है।


मुश्ताक मलिक ने अपने बयान को समर्थन देने के लिए ऐतिहासिक और धार्मिक संदर्भों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखित 'रामचरितमानस' बाबरी मस्जिद के निर्माण के लगभग 60 साल बाद रची गई थी, जिसमें राम मंदिर के निर्माण या उसके ध्वंस का कोई उल्लेख नहीं है। उन्होंने मुगल सम्राट अकबर के शासनकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भी हवन-पूजा होती थी और राजा मान सिंह अकबर के सेनापति थे। उन्होंने चिंता जताई कि इस मुद्दे को बढ़ाकर विभिन्न धर्मों के बीच सदियों पुरानी भाईचारे की भावना को नष्ट किया जा रहा है।


हाल ही में, मुर्शिदाबाद में टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद की हूबहू नकल बनाने के लिए नींव रखी थी, जिसके लिए उन्होंने लगभग 300 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया। हालांकि, इस विवादास्पद कदम के बाद टीएमसी ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया। हुमायूं कबीर का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना था कि हिंदुओं ने मस्जिद गिराई थी, लेकिन आस्था को ध्यान में रखते हुए मंदिर की अनुमति दी गई। उन्होंने कहा कि संविधान उन्हें मस्जिद बनाने का अधिकार देता है, और जब देश में मंदिर और चर्च बन सकते हैं, तो मस्जिद क्यों नहीं।


इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी ने हुमायूं कबीर और हैदराबाद के संगठन के इस कदम का विरोध किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इसे पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी द्वारा धार्मिक ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा 'प्रोपेगेंडा' करार दिया। उन्होंने कहा कि बाबर भारत की संस्कृति पर हमला करने आया था और उसने गुरु नानक देव जी के बारे में भी अपशब्द कहे थे। ऐसे आक्रांता के नाम पर निर्माण देश की संस्कृति के खिलाफ है।