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DGCA ने वापस लिया विंडो शेड्स बंद रखने का नियम, लेकिन फोटोग्राफी पर पाबंदी जारी

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने भारतीय वायुसेना के संयुक्त उपयोग वाले हवाई अड्डों पर विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान खिड़की के शेड्स को बंद रखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। हालांकि, ग्राउंड और एरियल फोटोग्राफी पर पाबंदी जारी रहेगी। DGCA ने यह निर्णय सुरक्षा कारणों के मद्देनजर लिया है। जानें इस नए निर्देश के पीछे की वजह और किन हवाई अड्डों पर ये नियम लागू हैं।
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DGCA ने वापस लिया विंडो शेड्स बंद रखने का नियम, लेकिन फोटोग्राफी पर पाबंदी जारी

DGCA का नया निर्देश

डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने भारतीय वायुसेना के संयुक्त उपयोग वाले हवाई अड्डों (Joint User Airports - JUAs) पर विमानों के टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान खिड़की के शेड्स को बंद रखने की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। हालांकि, इन सैन्य हवाई अड्डों पर ग्राउंड या एरियल फोटोग्राफी करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध जारी रहेगा।


पहले के निर्देशों में बदलाव

मई 2025 में जारी की गई एडवाइजरी के अनुसार, DGCA ने सभी वाणिज्यिक, चार्टर और निजी विमान ऑपरेटरों को निर्देश दिया था कि वे सुरक्षा कारणों से उड़ान भरते और उतरते समय खिड़कियों के शेड्स नीचे रखें। यह नियम विशेष रूप से उन एयरबेस के लिए था, जो भारत-पाक सीमा के निकट स्थित हैं। अब DGCA ने नए निर्देशों के तहत इस नियम में ढील दी है, लेकिन सुरक्षा कारणों से फोटो और वीडियो लेने पर पाबंदी बनी रहेगी।


DGCA का बयान

DGCA ने शनिवार को कहा, "संयुक्त उपयोग वाले हवाई अड्डों (JUAs) पर सभी विमानों के संचालन के दौरान एरियल और ग्राउंड फोटोग्राफी पर रोक अब भी प्रभावी है। विंडो शेड्स बंद करने और फोटोग्राफी प्रतिबंध से संबंधित दिशा-निर्देश वायुसेना (IAF) से प्राप्त निर्देशों के आधार पर जारी किए गए थे, ताकि ऑपरेशनल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, अब संशोधित निर्देश प्राप्त होने के बाद विंडो शेड्स को नीचे रखना अनिवार्य नहीं है, लेकिन फोटोग्राफी पर प्रतिबंध सभी विमानों के लिए पहले की तरह लागू रहेगा," DGCA ने अपने बयान में जोड़ा।


विंडो शेड्स बंद करने का नियम क्यों था?

मई 2025 में जारी की गई पहली एडवाइजरी में DGCA ने निर्देश दिया था कि सभी एयरलाइंस को टेकऑफ और लैंडिंग के समय खिड़कियों के पर्दे नीचे रखने होंगे। यह नियम खासतौर पर उन रक्षा हवाई अड्डों के लिए था जो भारत-पाकिस्तान सीमा के पास स्थित हैं और जिन्हें सैन्य तथा नागरिक दोनों तरह के विमानों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका उद्देश्य था संवेदनशील सैन्य गतिविधियों या इन्फ्रास्ट्रक्चर की अनजाने में फोटोग्राफी से रक्षा करना। साथ ही यात्रियों को यह भी निर्देश दिए गए थे कि वे यात्रा के दौरान फोटो या वीडियो न लें, खासतौर पर जब विमान 10,000 फीट से नीचे हो।


फोटोग्राफी पर पाबंदी का महत्व

DGCA ने स्पष्ट किया है कि भारतीय वायुसेना के निर्देशों के अनुसार फोटोग्राफी पर रोक सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद अहम है। चाहे टेकऑफ हो, लैंडिंग या विमान रनवे पर खड़ा हो — किसी भी परिस्थिति में यात्रियों को फोटो या वीडियो बनाने की अनुमति नहीं होगी।


इन हवाई अड्डों पर लागू हैं नियम

यह नियम खासतौर पर उन IAF के एयरबेस पर लागू हैं जो Joint User Airports कहलाते हैं। ऐसे एयरपोर्ट्स पर नागरिक और सैन्य दोनों तरह के विमान संचालन होते हैं। उदाहरण के तौर पर पठानकोट, श्रीनगर, आगरा, बरेली, ग्वालियर जैसे एयरबेस शामिल हैं, जहां फोटोग्राफी पर विशेष प्रतिबंध लागू रहता है।