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DigiLocker उपयोगकर्ताओं के लिए चेतावनी: नकली ऐप्स से रहें सावधान

सरकार ने DigiLocker उपयोगकर्ताओं को नकली ऐप्स के खतरे के बारे में चेतावनी दी है। ये ऐप्स असली सरकारी सेवाओं की तरह दिखते हैं और उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चुरा रहे हैं। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने बताया है कि इन ऐप्स के माध्यम से डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे आप इन धोखाधड़ी ऐप्स से बच सकते हैं और अपनी जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं।
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DigiLocker उपयोगकर्ताओं के लिए चेतावनी: नकली ऐप्स से रहें सावधान

DigiLocker का उपयोग करते समय सतर्क रहें

यदि आप DigiLocker का उपयोग कर ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड, स्कूल सर्टिफिकेट या अन्य सरकारी दस्तावेजों को डिजिटल रूप में रखते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। सरकार ने चेतावनी दी है कि बाजार में कई नकली DigiLocker ऐप्स सक्रिय हैं, जो असली सरकारी ऐप की तरह दिखते हैं और उपयोगकर्ताओं की व्यक्तिगत जानकारी चुरा रहे हैं।


सरकार की चेतावनी

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि असली DigiLocker ऐप केवल National e Governance Division, Government of India द्वारा जारी किया गया है। मंत्रालय ने उपयोगकर्ताओं को सलाह दी है कि वे ऐप डाउनलोड करने से पहले डेवलपर का नाम अवश्य जांचें और संदिग्ध ऐप्स से दूर रहें।


एक अधिकारी ने बताया कि इन नकली ऐप्स ने कई उपयोगकर्ताओं को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है, क्योंकि लोग बिना जांच के इन्हें इंस्टॉल कर लेते हैं।


धोखाधड़ी के तरीके

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक सोशल इंजीनियरिंग का मामला है। हमलावर नकली ऐप का लोगो, रंग और डिजाइन असली ऐप के समान रखते हैं, जिससे उपयोगकर्ताओं को भ्रमित किया जा सके।


जैसे ही लोग लॉगिन करते हैं या दस्तावेज अपलोड करते हैं, ऐप पहचान संबंधित जानकारी, बैंकिंग विवरण और व्यक्तिगत दस्तावेज अपने सर्वर पर भेज देता है।


विशेषज्ञ तरुण विग ने कहा कि चूंकि DigiLocker संवेदनशील दस्तावेजों को स्टोर करता है, धोखेबाज इसे निशाना बनाकर बड़े पैमाने पर डेटा चोरी करने का प्रयास कर रहे हैं।


साइबर धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाएं

हाल के वर्षों में साइबर धोखाधड़ी के मामलों में तेजी आई है। CERT-In के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साइबर अपराध से संबंधित शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल इंडिया के विस्तार के साथ फर्जी ऐप्स की संख्या भी बढ़ी है।


कुछ राज्यों में पुलिस ने ऐसे मामलों में FIR भी दर्ज की हैं, जहां उपयोगकर्ताओं के बैंक खातों में धोखाधड़ी हुई है।


सुरक्षा के उपाय

सरकार और साइबर विशेषज्ञों ने कुछ सरल सुझाव दिए हैं, जिनका पालन करके आप अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं:


1. डेवलपर की जांच करें: केवल उस ऐप को डाउनलोड करें जो National e Governance Division द्वारा प्रकाशित हो।


2. फॉरवर्डेड लिंक से डाउनलोड न करें: APK लिंक पर क्लिक करने से आपका फोन जोखिम में पड़ सकता है।


3. ऐप की अनुमति देखें: यदि कोई ऐप अधिक एक्सेस मांग रहा है, तो यह संदेह का विषय है।


4. रिव्यू पढ़ें: नकारात्मक समीक्षाओं या कम डाउनलोड वाले ऐप्स से सतर्क रहें।


5. साइबर जागरूकता बढ़ाएं: अपने परिवार और दोस्तों को भी इस बारे में जानकारी दें ताकि वे भी सुरक्षित रहें।


DigiLocker उपयोगकर्ताओं की संख्या

भारत में 11 करोड़ से अधिक DigiLocker उपयोगकर्ता हैं। ऐसे में किसी भी नकली ऐप के माध्यम से बड़े पैमाने पर डेटा लीक और वित्तीय नुकसान का खतरा बढ़ता है। यह चेतावनी लोगों को सतर्क कर सकती है और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।


एक विशेषज्ञ ने कहा कि जैसे भौतिक दस्तावेजों की सुरक्षा आवश्यक है, वैसे ही डिजिटल दस्तावेजों की सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण हो गई है।