अनंत सिंह: बिहार के बाहुबली का अद्भुत सफर
अनंत सिंह का प्रारंभिक जीवन
बिहार की राजनीति में एक प्रमुख बाहुबली के रूप में जाने जाने वाले पूर्व विधायक अनंत सिंह का जीवन किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं है। एक समय था जब उनका झुकाव पूरी तरह से धर्म और अध्यात्म की ओर था, लेकिन किस्मत ने उन्हें एक अलग दिशा में मोड़ दिया। 5 जनवरी 1967 को पटना जिले के बाढ़ कस्बे के नजदीक नदवां गांव में जन्मे अनंत सिंह चार भाईयों में सबसे छोटे थे। बचपन से ही उनकी पढ़ाई में रुचि कम थी और चौथी कक्षा के बाद उन्होंने स्कूल छोड़ दिया।
भक्ति की ओर झुकाव
उनका ध्यान भक्ति, पूजा-पाठ और साधु-संतों की सेवा की ओर बढ़ने लगा। केवल 9 साल की उम्र में उन्होंने घर छोड़ने का निर्णय लिया और हरिद्वार चले गए, जहां वे साधुओं के बीच रहने लगे और भक्ति में लीन हो गए।
साधुओं के बीच हिंसा का अनुभव
हरिद्वार में कुछ वर्षों के बाद, उन्होंने एक दिन साधु-संतों के बीच एक गंभीर विवाद और झगड़ा होते देखा। इस हिंसक घटना ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। अनंत सिंह को लगा कि जहां त्याग और वैराग्य की बातें होती हैं, वहां हिंसा का क्या अर्थ है। इस निराशा के चलते उन्होंने साधु जीवन को छोड़कर अपने गांव लौटने का निर्णय लिया।
भाई की हत्या और बदलाव
गांव लौटने के कुछ समय बाद, अनंत सिंह के बड़े भाई बिराची सिंह की हत्या कर दी गई। जब वह दोपहर का खाना खा रहे थे, तभी उन्हें यह दुखद समाचार मिला। यह उनके परिवार के लिए एक बड़ा झटका था। उस समय बिहार में माओवादी संगठनों और ज़मींदारों के बीच संघर्ष अपने चरम पर था। जांच में पता चला कि हत्या एक माओवादी नेता ने की थी। भाई की मौत ने अनंत सिंह के अंदर गुस्से की आग जला दी और उन्होंने प्रतिशोध लेने का निर्णय लिया।
न्याय की खोज में
लेखक राजेश सिंह अपनी पुस्तक 'बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्स' में बताते हैं कि परिवार ने अनंत को पुलिस पर भरोसा रखने की सलाह दी, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। न्याय न मिलने पर अनंत सिंह ने खुद ही इंसाफ करने की ठानी।
बाहुबली बनने की यात्रा
भाई की हत्या का बदला लेने के बाद, अनंत सिंह ने धीरे-धीरे अपराध की दुनिया में कदम रखा। उनकी पहचान एक दबंग और अपने तरीके से न्याय करने वाले व्यक्ति के रूप में बनने लगी। बाद में उन्होंने राजनीति में कदम रखा और मोकामा से विधायक बने। वर्षों तक उन्हें बिहार के सबसे प्रभावशाली बाहुबली नेताओं में गिना गया।
