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काजल कुमारी MMS मामले में बड़ा खुलासा: आरोपी ने AI डीपफेक का किया इस्तेमाल

काजल कुमारी के MMS लीक मामले में एक युवक की गिरफ्तारी हुई है, जिसने AI तकनीक का उपयोग करके फर्जी वीडियो बनाया। पुलिस ने आरोपी चंचल को गिरफ्तार किया है, और जांच में यह पुष्टि हुई है कि वीडियो असली नहीं था। काजल और उनकी माँ ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, और अब मामला POCSO एक्ट के तहत दर्ज किया गया है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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काजल कुमारी MMS मामले में बड़ा खुलासा: आरोपी ने AI डीपफेक का किया इस्तेमाल

काजल कुमारी का MMS लीक मामला

काजल कुमारी से जुड़े MMS लीक मामले में एक महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। पुलिस ने 15 वर्षीय अभिनेत्री का फर्जी MMS वीडियो फैलाने के आरोप में एक युवक को गिरफ्तार किया है। जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि वायरल वीडियो पूरी तरह से एआई द्वारा निर्मित था और असली नहीं था। आरोपी चंचल, जो रोहतास जिले के मटुली का निवासी है, ने डीपफेक तकनीक का उपयोग करके यह वीडियो बनाया और इसे प्रसारित किया। इस क्लिप के वायरल होने के बाद बिक्रमगंज पुलिस ने उसे पकड़ लिया।


आरोपी की गिरफ्तारी

थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि चंचल के मोबाइल में व्हाट्सएप ग्रुप, फर्जी अकाउंट और वीडियो शेयरिंग से संबंधित स्क्रीनशॉट मिले हैं। पूछताछ के दौरान, चंचल ने कई फर्जी टेलीग्राम और फेसबुक अकाउंट का उपयोग करके इस वीडियो को फैलाने की बात स्वीकार की।


काजल कुमारी की प्रतिक्रिया

काजल कुमारी ने गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा, "जैसा बोओगे, वैसा ही काटोगे... आखिरकार सच्चाई सामने आ गई।" उनकी माँ ने भी राहत की सांस लेते हुए कहा, "मेरी बेटी की इज़्ज़त से खेलने वाला अब जेल में है। हम उसके लिए कड़ी सज़ा की मांग करते हैं।"


वीडियो की AI डीपफेक होने की पुष्टि

पुलिस और साइबर सेल की जांच में यह पाया गया कि वायरल MMS असली नहीं था। रिपोर्टों के अनुसार, उन्नत AI डीपफेक टूल्स का उपयोग करके काजल का चेहरा एक अन्य वीडियो पर लगाया गया था। अब जांच इस बात की ओर बढ़ रही है कि भोजपुरी कलाकारों को इस तरह के डिजिटल हमलों का निशाना क्यों बनाया जा रहा है। चूंकि काजल कुमारी नाबालिग हैं, आरोपी पर आईटी एक्ट की धारा 66A और 67 के साथ-साथ POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।