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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, 90% क्षेत्रों में AQI 400 से ऊपर

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर स्तर को पार कर लिया है, जहां 90% क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से अधिक है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति में कुछ घंटों का संपर्क भी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। नोएडा और गाजियाबाद भी इस प्रदूषण से प्रभावित हैं। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है। जानें इस स्थिति के स्वास्थ्य पर प्रभाव और बचाव के उपाय।
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दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, 90% क्षेत्रों में AQI 400 से ऊपर

दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की गंभीर स्थिति

नोएडा: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण ने एक बार फिर गंभीर स्तर को पार कर लिया है। हालिया आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के लगभग 90 प्रतिशत मॉनिटरिंग स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 400 से अधिक दर्ज किया गया है, जो कि 'गंभीर' श्रेणी में आता है। रोहिणी, बवाना, आरके पुरम, पंजाबी बाग, अशोक विहार और वज़ीरपुर जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर 430 से 450 के बीच बना हुआ है, जो फेफड़ों के लिए अत्यंत हानिकारक है। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC), IMD और CPCB के आंकड़े बताते हैं कि हवा में PM 2.5 और PM 10 की मात्रा सामान्य से कई गुना अधिक है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी खराब हवा में कुछ घंटों का संपर्क भी आंखों में जलन, गले में खराश, सांस लेने में कठिनाई और दमा के मरीजों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि नोएडा और गाजियाबाद भी इस घने प्रदूषण से प्रभावित हैं।


नोएडा के सेक्टर-62, सेक्टर-125, सेक्टर-1 और सेक्टर-116 में AQI 350 से 390 के बीच रिकॉर्ड किया गया है। वहीं, गाजियाबाद के इंदिरापुरम, लोनी, संजय नगर और वसुंधरा में प्रदूषण स्तर कई स्थानों पर 410 से ऊपर पहुंच गया है। इस समय हवा में नमी, कम हवा की गति और तापमान में गिरावट के कारण प्रदूषक जमीन के निकट ही फंसे हुए हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है।


मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि अगले कुछ दिनों में प्रदूषण से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है, जो स्मॉग के जमाव को और बढ़ाएगा। हवा की गति में सुधार न होने से प्रदूषक हवा में ही लटके रहेंगे।


स्वास्थ्य विशेषज्ञों और चिकित्सकों ने सलाह दी है कि बाहर जाते समय मास्क का उपयोग अनिवार्य करें, सुबह-शाम की सैर से बचें, बच्चों और बुजुर्गों को अनावश्यक रूप से बाहर न ले जाएं, और घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग बढ़ाएं। ग्रेप के तहत कई प्रतिबंध लागू हैं, लेकिन प्रदूषण स्तर में अभी तक कोई बड़ा सुधार नहीं दिख रहा है। दिल्ली-एनसीआर के निवासियों को आने वाले दिनों में भी इसी दमघोंटू हवा का सामना करना पड़ सकता है।


वायु गुणवत्ता लगातार 'गंभीर' श्रेणी में बनी रहने के कारण दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर गैस चेंबर की स्थिति की ओर बढ़ रहा है, और फिलहाल इससे राहत की कोई उम्मीद नहीं है।