दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति: सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। एयर क्वालिटी इंडेक्स (एएक्यूआई) 400 के पार पहुंच गया है। राष्ट्रीय राजधानी में सुबह से धुंध की चादर फैली रही, जिससे कई क्षेत्रों में दृश्यता काफी कम हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए कहा कि दिल्ली की हवा लोगों के स्वास्थ्य को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है। अदालत ने इसे अत्यंत गंभीर स्थिति करार दिया।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज सुबह की सुनवाई के दौरान जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस चंदुरकर ने वकीलों से अनुरोध किया कि वे अदालत में शारीरिक रूप से उपस्थित होने के बजाय वर्चुअल सुनवाई का विकल्प चुनें। अदालत ने कहा कि इस जहरीली हवा में बाहर निकलना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है और इससे स्थायी क्षति भी हो सकती है।
भविष्य की स्थिति
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट के अनुसार, मंगलवार को एएक्यूआई 428 तक पहुंच गया था, जो इस सीजन में पहली बार था। बुधवार को यह 418 दर्ज किया गया और गुरुवार सुबह 9 बजे तक यह 425 पर बना रहा। ये सभी रीडिंग गंभीर श्रेणी में आती हैं और स्थिति में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं।
वायु गुणवत्ता की वर्तमान स्थिति
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सीएक्यूएम ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का स्टेज थ्री लागू कर दिया है। इसमें निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों पर प्रतिबंध और अन्य सख्त कदम शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि ये उपाय प्रदूषण को तेजी से कम करने के उद्देश्य से लागू किए गए हैं, लेकिन हवा की गुणवत्ता अभी भी खराब बनी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य पीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश भूषण आर गवई भी शामिल हैं, प्रदूषण के व्यापक मुद्दे की निगरानी कर रही है। इस पीठ ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया है। अदालत का कहना है कि पराली जलाना इंडो गंगेटिक मैदानों में धुंध का एक बड़ा कारण है और इसके बिना प्रदूषण पर नियंत्रण पाना मुश्किल होगा।
दिल्ली की वर्तमान स्थिति
दिल्ली में लगातार तीन दिनों से गंभीर श्रेणी का प्रदूषण रहने के कारण अस्पतालों में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। कई डॉक्टरों का कहना है कि छोटे बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह हवा बेहद खतरनाक हो गई है। शहर में सुबह और शाम के समय दृश्यता कम होने से ट्रैफिक पर भी असर पड़ा है और कई जगह वाहनों की गति धीमी हो गई है।
