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प्रधानमंत्री कार्यालय का नया पता: ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी

भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का पता जल्द ही बदलने वाला है, जो रायसीना हिल्स से नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होगा। यह बदलाव नवरात्रि के दौरान होने की संभावना है। नए परिसर में अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी और यह प्रधानमंत्री के नए आवास के निकट होगा। साउथ और नॉर्थ ब्लॉक को संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा, जिससे इन ऐतिहासिक इमारतों का संरक्षण किया जा सके। जानें इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में और अधिक जानकारी।
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प्रधानमंत्री कार्यालय का नया पता: ऐतिहासिक बदलाव की तैयारी

प्रधानमंत्री कार्यालय का स्थानांतरण

PMO का नया पता: भारत के प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का स्थान जल्द ही बदलने वाला है। लंबे समय से रायसीना हिल्स में राष्ट्रपति भवन के साउथ ब्लॉक में स्थित यह कार्यालय अब नए एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव में स्थानांतरित होगा। रिपोर्टों के अनुसार, नवरात्रि से प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को नए पते पर ले जाने की योजना बनाई जा रही है। इस संबंध में उच्च स्तर पर गंभीर चर्चाएँ चल रही हैं और संकेत मिल रहे हैं कि यह महत्वपूर्ण निर्णय त्योहारी मौसम में लिया जा सकता है.


संग्रहालय में बदलेगा साउथ और नॉर्थ ब्लॉक

सूत्रों के अनुसार, जब प्रधानमंत्री कार्यालय नए एन्क्लेव में पूरी तरह से स्थानांतरित हो जाएगा, तो मौजूदा साउथ ब्लॉक और नॉर्थ ब्लॉक को संग्रहालय में परिवर्तित किया जाएगा। इन ऐतिहासिक इमारतों का उपयोग अब आधुनिक कार्यालयों के लिए नहीं, बल्कि विरासत को संरक्षित करने के लिए किया जाएगा.


नया परिसर राष्ट्रपति भवन के निकट

एग्जीक्यूटिव एन्क्लेव परियोजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का एक हिस्सा है। इस परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय और एक नए सम्मेलन केंद्र 'इंडिया हाउस' का निर्माण किया जा रहा है। नया परिसर पुराने साउथ ब्लॉक के पास प्लॉट नंबर 36/38 पर बनाया जा रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 1,189 करोड़ रुपये है। पहले इसे 2027 तक पूरा करने की योजना थी, लेकिन अब यह परियोजना समय से पहले ही तैयार हो रही है.


अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस

नया परिसर न केवल अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होगा, बल्कि यह प्रधानमंत्री के नए आवास के निकट भी होगा। इससे प्रशासनिक कार्यों और समन्वय में तेजी आएगी। यह बदलाव सरकार के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि उपनिवेश काल की पुरानी इमारतों में जगह की कमी और आधुनिक सुविधाओं का अभाव लंबे समय से महसूस किया जा रहा था। पिछले महीने गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय को नए कर्तव्य भवन-3 में स्थानांतरित किया गया था। उस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने कार्यालयों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि प्रमुख मंत्रालय दशकों से तंग और अंधेरे कमरों में काम करने को मजबूर रहे हैं.