प्रधानमंत्री मोदी का 75वां जन्मदिन: वडनगर में धूमधाम से मनाया गया

मोदी का जन्मदिन वडनगर में मनाया गया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 75वां जन्मदिन उनके गृहनगर वडनगर में बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर पीएम के चचेरे भाइयों ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं। वडनगर में आयोजित रक्तदान और नेत्र जांच शिविर जैसे कार्यक्रमों में स्थानीय लोगों का उत्साह और एकजुटता देखने को मिली। यह जन्मदिन केवल मोदी परिवार का नहीं, बल्कि वडनगर के हर नागरिक का था, जो उनके योगदान पर गर्व महसूस करता है।गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में पीएम मोदी के जन्मदिन के अवसर पर रक्तदान और नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। हाटकेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन भी किया गया, जिसमें भाजपा के स्थानीय नेता भावेश पटेल और पीएम मोदी के बड़े भाई सोमाभाई मोदी ने सक्रिय भागीदारी की। इन आयोजनों में स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और स्वच्छता अभियान का भी समर्थन किया।
मोदी परिवार की सादा जीवनशैली
वडनगर में मोदी परिवार के दो चचेरे भाई, भरतभाई मोदी (65) और अशोकभाई मोदी (61), आज भी यहीं निवास करते हैं। भरतभाई एक किराने की दुकान चलाते हैं, जबकि अशोकभाई धार्मिक सामग्री और मौसमी सामान बेचते हैं। इन दोनों भाइयों ने कभी भी अपनी पहचान का लाभ उठाने की कोशिश नहीं की। वे अपने साधारण जीवन की कठिनाइयों को याद करते हुए सच्चाई को अपनाए हुए हैं।
भरतभाई मोदी ने कहा कि उन्हें गर्व है कि नरेंद्र मोदी जैसे व्यक्ति ने उनके परिवार में जन्म लिया। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने रिश्ते का उपयोग व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं करते और मानते हैं कि हर किसी को अपनी किस्मत खुद बनानी चाहिए। भरतभाई ने कहा कि यदि कभी ट्रैफिक पुलिस उनकी मोटरसाइकिल रोकती है, तो वे अपनी पहचान का उपयोग करने के बजाय जुर्माना भरने में विश्वास रखते हैं।
अशोकभाई मोदी का दृष्टिकोण
अशोकभाई मोदी, जो हर महीने केवल ₹5000 कमाते हैं, ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी पीएम मोदी से मदद की मांग नहीं की। उनका कहना है, "हमारे पास जो कुछ भी है, हम उसी में खुश हैं। मोदी भैया से कभी कुछ नहीं मांगा और न ही कभी सोचा कि उनसे मदद ले सकते हैं।"
मोदी के बचपन की यादें
वडनगर के दशरथभाई पटेल, जो मोदी के बचपन के दोस्त और सहपाठी हैं, ने उनके प्रारंभिक दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे पीएम मोदी ने बचपन में वडनगर रेलवे स्टेशन पर अपने पिता की चाय की दुकान में मदद की थी। वे कहते हैं, "मोदी और मैं एक ही स्कूल में पढ़ते थे और आरएसएस की शाखाओं में भी जाते थे। वह बचपन से ही देश की सेवा में समर्पित थे।"