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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: कृषि मुद्दे पर अटकी डील, क्या होगा आगे?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की वार्ता का पांचवां दौर हाल ही में बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हुआ। कृषि और डेयरी सेक्टर में मतभेदों के कारण डील में रुकावट आई है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करेगा। भविष्य में बातचीत जारी रखने का आश्वासन दिया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण वार्ता के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
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भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता: कृषि मुद्दे पर अटकी डील, क्या होगा आगे?

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता का पांचवां दौर

भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित व्यापार समझौते पर बातचीत का पांचवां चरण हाल ही में बिना किसी ठोस परिणाम के समाप्त हुआ। यह चार दिवसीय वार्ता 14 से 17 जुलाई तक अमेरिका में आयोजित की गई, जिसमें दोनों पक्षों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन अंतिम समझौते की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई।


कृषि और डेयरी सेक्टर: डील में सबसे बड़ी बाधा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते में सबसे बड़ी रुकावट कृषि और डेयरी क्षेत्र से संबंधित है। अमेरिका चाहता है कि उसे भारतीय बाजार में अपने कृषि और डेयरी उत्पादों को कम आयात शुल्क पर पेश करने की अनुमति मिले। वह इन क्षेत्रों में पूर्ण मुक्त बाजार की मांग कर रहा है, जबकि भारत इस मामले में बहुत सतर्क है।


भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री की प्रतिक्रिया

इस संदर्भ में, भारत के केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय हित उनके लिए सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, "हम मीडिया के माध्यम से नहीं, बल्कि संवाद और सहमति के जरिए डील करने में विश्वास रखते हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि भारत बाहरी दबावों के बजाय अपने हितों की रक्षा के लिए रणनीतिक धैर्य के साथ आगे बढ़ेगा।


भविष्य की बातचीत के लिए दरवाजे खुले

हालांकि पांचवे दौर की वार्ता बिना किसी ठोस नतीजे के समाप्त हुई, फिर भी दोनों पक्षों ने भविष्य में बातचीत जारी रखने का आश्वासन दिया है। भारत अब अपनी आंतरिक समीक्षा करेगा और नई रणनीति तैयार करेगा। यह स्पष्ट है कि भारत किसी भी दबाव में समझौता नहीं करना चाहता और दीर्घकालिक हितों को ध्यान में रखते हुए संतुलित और पारदर्शी तरीके से डील करना चाहता है।