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रेफकोल्ड इंडिया 2025: दिल्ली में होगा कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेशन का बड़ा आयोजन

रेफकोल्ड इंडिया 2025 का आयोजन 18 से 20 सितंबर 2025 तक दिल्ली में होगा, जिसमें कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेशन उद्योग के प्रमुख ब्रांड शामिल होंगे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कोल्ड चेन की आवश्यकताओं को पूरा करना है, और इसमें 200 से अधिक प्रदर्शक और 10,000 से अधिक पेशेवर भाग लेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का कोल्ड चेन बाजार 2033 तक $74.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं के बढ़ते प्रभाव के साथ, इस क्षेत्र में निवेश और तकनीकी विकास की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।
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रेफकोल्ड इंडिया 2025: दिल्ली में होगा कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेशन का बड़ा आयोजन

रेफकोल्ड इंडिया 2025 का आयोजन


ISHRAE और Informa Markets का सहयोग
यह प्रमुख प्रदर्शनी आईएसएचआरएई (भारतीय हीटिंग, रेफ्रिजरेटिंग और एयर कंडीशनिंग इंजीनियर्स सोसाइटी) और इन्फॉर्मा मार्केट्स के सहयोग से आयोजित की जा रही है। इस इवेंट का मुख्य फोकस रेफ्रिजरेशन, कोल्ड स्टोरेज और हीटिंग उत्पादों पर होगा। यह एक्सपो कोल्ड चेन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा, जिसमें 200 से अधिक प्रदर्शक शामिल होंगे और 10,000 से अधिक पेशेवरों को आकर्षित करेगा।


कोल्ड चेन उद्योग, जिसे 'उभरते क्षेत्र' के रूप में जाना जाता है, भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत का कोल्ड चेन बाजार 2033 तक $74.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। 2024 में यह बाजार $10.5 अरब डॉलर का था, और इसकी वृद्धि की उम्मीद है। उत्तर भारत में फल, सब्जी, डेयरी और मांस उत्पादन में वृद्धि के कारण कोल्ड स्टोरेज की मांग में तेजी आई है।


ई-कॉमर्स और फूड डिलीवरी सेवाओं का प्रभाव
ई-कॉमर्स और तैयार भोजन डिलीवरी सेवाओं ने आधुनिक कोल्ड स्टोरेज की मांग को और बढ़ावा दिया है। इस क्षेत्र में निवेश और तकनीकी विकास की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।


उद्योग के नेता और वैश्विक साझेदारियाँ
इस वर्ष के आयोजन में कोपलैंड, डाइकिन, डैनफॉस, कैरियर ट्रांसिकोल्ड, रिनाक और लूव जैसे प्रमुख ब्रांड शामिल होंगे, जो फार्मास्यूटिकल्स, सीफूड, डेयरी, मांस, कृषि, आतिथ्य, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य सेवा, खुदरा और बेकरी जैसे विभिन्न क्षेत्रों के पेशेवरों को आकर्षित करेंगे। इस आयोजन में नेपाल, श्रीलंका, मध्य पूर्व और केन्या के प्रतिनिधियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी भी होगी, जिससे सीमा पार सहयोग के अवसर उत्पन्न होंगे। यह आयोजन नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने में सहायक होगा।