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हरियाणा में दिव्यांग पेंशन योजना: 21 गंभीर बीमारियों से पीड़ितों के लिए लाभ

हरियाणा सरकार ने दिव्यांग पेंशन योजना की शुरुआत की है, जिसमें 21 गंभीर बीमारियों से प्रभावित नागरिकों को लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए कुछ शर्तें हैं, जैसे आवेदक की आयु, निवास और वार्षिक आय की सीमा। जानें इस योजना के तहत कौन-कौन सी बीमारियाँ शामिल हैं और कैसे प्राप्त करें दिव्यांगता प्रमाण-पत्र।
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हरियाणा में दिव्यांग पेंशन योजना: 21 गंभीर बीमारियों से पीड़ितों के लिए लाभ

हरियाणा सरकार की नई पहल

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने 21 गंभीर बीमारियों से प्रभावित पात्र नागरिकों को दिव्यांग पेंशन प्रदान करने का निर्णय लिया है। जिला उपायुक्त अभिषेक मीणा ने इन बीमारियों से ग्रसित लोगों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया है।


आवेदन की शर्तें

डीसी अभिषेक मीणा ने बताया कि इस योजना के लिए आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसे हरियाणा का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। इसके अलावा, आवेदक को आवेदन करते समय पिछले तीन वर्षों से हरियाणा में निवास करना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आवेदक की वार्षिक आय तीन लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए।


समाविष्ट बीमारियाँ

सरकार ने 3 मार्च 2025 को दिव्यांग पेंशन के लिए 21 बीमारियों को शामिल किया है। इनमें चलने-फिरने में असमर्थता, कुष्ठ रोग, मस्तिष्क पक्षाघात, मांसपेशीय विकार, अंधापन, कम दृष्टि, श्रवण दोष, वाणी और भाषा संबंधी दिव्यांगता, बौद्धिक दिव्यांगता, विशिष्ट अधिगम दिव्यांगता, ऑटिज्म स्पेक्ट्रम विकार, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ, दीर्घकालिक तंत्रिका संबंधी बीमारियाँ, मल्टीपल स्कलेरोसिस, पार्किंसंस रोग, सिकल सेल रोग, बहु दिव्यांगता, हीमोफीलिया, थैलेसीमिया, एसिड अटैक पीड़ित और बौना शामिल हैं।


दिव्यांगता प्रमाण-पत्र की आवश्यकता

डीसी ने बताया कि दिव्यांग पेंशन का लाभ लेने के लिए आवेदक को सिविल सर्जन कार्यालय से 60 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता का प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा। इस प्रमाण-पत्र को परिवार पहचान पत्र में अपडेट कराकर दिव्यांग पेंशन के लिए आवेदन किया जा सकता है।