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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: 199 घायल, 35 लापता और 1,220 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप जारी है, जिससे भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। 199 लोग घायल हैं और 35 लापता हैं। राज्य में 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: 199 घायल, 35 लापता और 1,220 करोड़ का नुकसान

हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप

इस समय हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रभाव लगातार बना हुआ है, जिससे भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। राज्य के कई जिलों में स्थिति गंभीर बनी हुई है.


बिजली और जल आपूर्ति पर असर

बारिश और भूस्खलन के चलते प्रदेश में 230 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 121 सड़कें, कुल्लू में 23 और सिरमौर में 13 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा, 81 बिजली ट्रांसफार्मर और 61 जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप पड़ी हैं.


भारी बारिश की चेतावनी

भारत मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट जारी किया गया है। विशेषकर पहाड़ी और भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.


मानसून से हुई जनहानि

मानसून सीजन की शुरुआत से अब तक हिमाचल प्रदेश में 116 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से 68 मौतें सीधे बारिश और आपदाओं के कारण हुई हैं। इसके अलावा, 48 लोगों की मौत अन्य बारिश से संबंधित घटनाओं के कारण हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, अब तक 199 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग लापता हैं.


सबसे अधिक प्रभावित जिले

इस बार मंडी, कांगड़ा और कुल्लू जिले मानसून से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। सड़कें, पुल, जल स्रोत और अन्य बुनियादी ढांचों को भारी नुकसान पहुंचा है। 19 जुलाई को मंडी में 153 सड़कें बंद रहीं, जबकि कुल्लू में 39 सड़कें और सिरमौर में एनएच-707 भूस्खलन के कारण बंद किया गया है.


येलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने रविवार तक राज्य के कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है और लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.


नुकसान का आकलन

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून में हिमाचल प्रदेश को 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। इस सीजन में 22 बादल फटने की घटनाएं, 31 बार अचानक बाढ़ और 19 बार भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं.


सुरक्षित रहने की अपील

राज्य सरकार और प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना आवश्यक कारण घर से बाहर न निकलें। विशेष रूप से नदी, नालों और जल स्रोतों के आसपास जाने से बचने की सलाह दी गई है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं.