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पाकिस्तान के ऑपरेशन 'बुनयान अल-मरसूस' पर ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया

असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के नए ऑपरेशन 'बुनयान अल-मरसूस' पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कुरान की आयतों का संदर्भ देते हुए पाकिस्तान की सेना को झूठा बताया। ओवैसी ने बांग्लादेश के मुसलमानों पर गोलियां चलाने के ऐतिहासिक संदर्भ का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि जो लोग भारत को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे 75 साल बाद भी नहीं सुधरे हैं। इस विषय पर ओवैसी की टिप्पणियाँ सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
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पाकिस्तान के ऑपरेशन 'बुनयान अल-मरसूस' पर ओवैसी की तीखी प्रतिक्रिया

पाकिस्तान का नया ऑपरेशन

पाकिस्तान ने हाल ही में ऑपरेशन 'बुनयान अल-मरसूस' की शुरुआत की है, जिसका जवाब भारत के ऑपरेशन सिंदूर के रूप में देखा जा रहा है। AIMIM के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इस ऑपरेशन पर पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है। ओवैसी ने कहा, 'पाकिस्तान ने अपने ऑपरेशन का नाम 'बुनयान अल-मरसूस' रखा है, जो कि कुरान की अस-सफ सूरत की चौथी आयत से लिया गया है। इस आयत में अल्लाह ने कहा है कि अगर तुम मुझसे प्रेम करते हो, तो सीसा पिलाई दीवार की तरह खड़े हो जाओ। लेकिन पाकिस्तान और उनकी सेना इतने झूठे हैं कि वे कुरान की दूसरी आयत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसमें अल्लाह ने कहा है कि तुम ऐसी बातें क्यों करते हो जो तुम करते नहीं हो।'


ओवैसी का ऐतिहासिक संदर्भ

बांग्लादेश के मुसलमानों पर गोलियां चलाने का जिक्र

ओवैसी ने आगे कहा कि जब पाकिस्तान ने 1971 में बांग्लादेश के मुसलमानों पर गोलियां चलाई थीं, तब क्या वे सीसा पिलाई की बात भूल गए थे? उन्होंने याद दिलाया कि उस समय पाकिस्तान के नेता भुट्टो ने बंगाली मुसलमानों को 'सूअर' कहा था। इसके अलावा, एक अन्य प्रमुख नेता ने भारत के मुसलमानों को नीच जाति का बताया था। ओवैसी ने कहा कि यह दुखद है कि पाकिस्तान कुरान की आयतों का गलत संदर्भ देकर इस मुद्दे को भटकाने की कोशिश कर रहा है।


भारत के प्रति पाकिस्तान की शरारतें

भारत को कमजोर करने की कोशिश

हैदराबाद के फतेह मैदान में उर्दू पत्रकार पुरस्कार समारोह में बोलते हुए ओवैसी ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि जो लोग भारत से टूटकर गए, वे आज भी इस देश को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग शांति पसंद करते थे, वे यहां ठहरे रहे, जबकि जो शरारत करना चाहते थे, वे चले गए। यही सच्चाई है।


सोशल मीडिया पर ओवैसी की टिप्पणी