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फारूक अब्दुल्ला का बयान: सिंधु जल संधि पर भारत का दृष्टिकोण और कश्मीर का विकास

फारूक अब्दुल्ला ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत सरकार के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि भारत का उद्देश्य मानवीय संकट उत्पन्न करना नहीं है और कश्मीर के विकास की आवश्यकता पर जोर दिया। अब्दुल्ला ने पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के बयानों को खारिज करते हुए कहा कि देश को प्रगति के लिए अपने जल अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा। जानें उनके विचार और कश्मीर की वर्तमान स्थिति के बारे में।
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फारूक अब्दुल्ला का बयान: सिंधु जल संधि पर भारत का दृष्टिकोण और कश्मीर का विकास

फारूक अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने इसे एक सख्त कदम बताया, लेकिन यह भी कहा कि भारत का उद्देश्य मानवीय संकट उत्पन्न करना नहीं है। अब्दुल्ला ने कहा कि भारत गांधी का देश है और वह पाकिस्तान की तरह निर्दयी नहीं हो सकता।


भारत का इरादा जान लेने का नहीं

फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया, "हमने पाकिस्तान को पानी रोकने की चेतावनी दी है, लेकिन हमारा इरादा उन्हें मारने का नहीं है। भारत ऐसा देश नहीं है जो निर्दोष लोगों की जान ले। हम पाकिस्तान जितने कठोर नहीं हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि जब सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, तब जम्मू-कश्मीर के लोगों को निर्णय प्रक्रिया में शामिल नहीं किया गया था, जिससे राज्य को नुकसान हुआ।


जम्मू-कश्मीर को हुआ सबसे बड़ा नुकसान

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधु जल संधि ने जम्मू-कश्मीर के जल संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है और वहां की जनता को इसका उचित लाभ नहीं मिला। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह विशेष योजना के तहत जम्मू क्षेत्र में जल आपूर्ति सुनिश्चित करे। अब्दुल्ला ने इस समझौते की पुनरावलोकन की आवश्यकता पर भी जोर दिया, ताकि राज्य को उसका उचित हक मिल सके।


पर्यटकों से मुलाकात के दौरान कश्मीर को लेकर बड़ा बयान

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, फारूक अब्दुल्ला ने पर्यटकों से मुलाकात की और कहा कि कश्मीर आज भी भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। उन्होंने कहा, "आतंक फैलाने वालों को हार मिली है। पर्यटकों की मौजूदगी यह दर्शाती है कि देशवासी डरने वाले नहीं हैं। आतंकवाद के खिलाफ लोगों की भावना स्पष्ट है - हम अमन और तरक्की चाहते हैं।"


35 वर्षों से आतंक का सामना, अब चाहिए विकास

अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर के लोग पिछले 35 वर्षों से आतंकवाद का सामना कर रहे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि राज्य विकास की दिशा में आगे बढ़े। उन्होंने कहा, "हमारा सपना है कि भारत एक दिन महाशक्ति बने, और कश्मीर उस विकास का भागीदार हो।"


बिलावल भुट्टो के बयान को किया खारिज

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के हालिया बयानों पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसी टिप्पणियों को तवज्जो देने से देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने कहा, "अगर हम बिलावल जैसे नेताओं के बयानों के पीछे चलें तो हम कभी आगे नहीं बढ़ पाएंगे। हमें अपनी नदियों और जल अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा।"