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मेरठ में बिजली कर्मचारी की बर्खास्तगी: वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन का मामला

उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक संविदा बिजली कर्मचारी ने वक्फ अधिनियम के खिलाफ चल रहे प्रदर्शनों के दौरान महज 15 मिनट के लिए पूरे गांव की बिजली काट दी। इस घटना के बाद, सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया। स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई की मांग की थी, जिससे प्रशासन हरकत में आया। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और ऊर्जा मंत्री की प्रतिक्रिया।
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मेरठ में बिजली कर्मचारी की बर्खास्तगी: वक्फ अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन का मामला

मेरठ पावर हाउस विवाद

मेरठ पावर हाउस विवाद: वक्फ अधिनियम के खिलाफ देशभर में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक संविदा बिजली कर्मचारी ने केवल 15 मिनट के प्रदर्शन के नाम पर पूरे गांव की बिजली काट दी। इस घटना के वायरल वीडियो और शिकायतों के बाद सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया।


क्या हुआ था?


1 मई की रात, कई मुस्लिम संगठनों ने वक्फ कानून के विरोध में प्रतीकात्मक प्रदर्शन के तहत 15 मिनट के लिए घर की लाइट बंद रखने का आह्वान किया था। इसी संदर्भ में मेरठ के अजराड़ा बिजलीघर में कार्यरत संविदा कर्मचारी रियाजुद्दीन ने पूरे अजराड़ा गांव की बिजली आपूर्ति ठप कर दी। रियाजुद्दीन ने पहले सोशल मीडिया पर इस प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की थी। कुछ ही घंटों बाद, रात करीब 9 बजे पूरे गांव की लाइट काट दी गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया।



ऊर्जा मंत्री की प्रतिक्रिया


जैसे ही यह मामला सामने आया और सोशल मीडिया पर बिजली कटौती का वीडियो वायरल हुआ, यूपी के ऊर्जा मंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए रियाजुद्दीन की बर्खास्तगी के आदेश जारी कर दिए। ऊर्जा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सरकारी पद का इस तरह दुरुपयोग पूरी तरह अस्वीकार्य है। संबंधित कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से सेवा से हटा दिया गया है।'


स्थानीय लोगों की नाराजगी


अजराड़ा गांव के निवासियों ने कहा कि प्रदर्शन व्यक्तिगत हो सकता है, लेकिन किसी सरकारी कर्मचारी को पूरे क्षेत्र की बिजली काटने का अधिकार नहीं है। ग्रामीणों ने रियाजुद्दीन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद प्रशासन ने कदम उठाया।