हरियाणा बीजेपी में नया अध्यक्ष कौन बनेगा? सियासी हलचल तेज
हरियाणा बीजेपी में सियासी गतिविधियाँ
हरियाणा बीजेपी में नया अध्यक्ष कौन बनेगा?: हरियाणा की राजनीति में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) जल्द ही अपने नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर सकती है, और इस बार का निर्णय चौंकाने वाला हो सकता है। अंबाला से लेकर दिल्ली तक, सभी की नजर इस महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम पर है। आइए, जानते हैं कि हरियाणा बीजेपी में क्या चल रहा है और इस दौड़ में कौन-कौन शामिल हैं।
हरियाणा में बीजेपी का अप्रत्याशित इतिहास
हरियाणा में बीजेपी का चौंकाने वाला इतिहास
हरियाणा में बीजेपी ने हमेशा अप्रत्याशित निर्णय लेकर सबको हैरान किया है। हाल ही में मनोहर लाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने सभी को चौंका दिया था। इस निर्णय ने न केवल पार्टी की रणनीति को नई दिशा दी, बल्कि सकारात्मक परिणाम भी दिए।
अब प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर भी कुछ ऐसा ही रोमांचक मोड़ आने की उम्मीद है। दिल्ली में बीजेपी आलाकमान इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श कर रहा है, और जल्द ही बड़ा फैसला सामने आ सकता है।
कौन हैं रेस में? मोहनलाल बड़ौली का नाम सबसे आगे
रेस में कौन-कौन? मोहनलाल बड़ौली का नाम सबसे आगे
सूत्रों के अनुसार, राई से विधायक मोहनलाल बड़ौली एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हो सकते हैं। बड़ौली न केवल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के करीबी माने जाते हैं, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच उनकी लोकप्रियता भी जबरदस्त है। लंबे समय से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े रहने के कारण बड़ौली का अनुभव और संगठनात्मक कौशल उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे रखता है।
हालांकि, बड़ौली के अलावा निर्दलीय राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा और वरिष्ठ ब्राह्मण नेता विनोद शर्मा का नाम भी चर्चा में है। 2024 के चुनावों में इन नेताओं ने ब्राह्मण मतदाताओं को बीजेपी के पक्ष में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सूत्रों के अनुसार, ब्राह्मण वोटरों के करीब 51% वोट बीजेपी को मिले, जो प्रदेश में इस समुदाय की 52% आबादी को देखते हुए एक बड़ी उपलब्धि है।
ब्राह्मण वोटरों का महत्व
ब्राह्मण वोटरों का महत्व
हरियाणा में ब्राह्मण समुदाय का राजनीतिक वजन हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। बीजेपी ने टिकट वितरण में भी इस समुदाय को विशेष ध्यान दिया, जिसका लाभ पार्टी को हाल के चुनावों में मिला। मोहनलाल बड़ौली को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने से ब्राह्मण वोटरों का झुकाव और मजबूत हो सकता है। उनकी नियुक्ति से पार्टी को न केवल संगठनात्मक ताकत मिलेगी, बल्कि यह राजनीतिक समीकरणों को भी संतुलित करेगी।
RSS की भूमिका
RSS की राय होगी निर्णायक?
इस महत्वपूर्ण निर्णय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका भी महत्वपूर्ण हो सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बड़ौली का संघ से गहरा नाता रहा है, और उनकी संगठनात्मक समझ को संघ हमेशा से सराहता आया है।
ऐसे में, अगर संघ का समर्थन बड़ौली को मिलता है, तो उनका अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। हालांकि, बीजेपी आलाकमान अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेगा।
अगला कदम क्या होगा?
क्या होगा अगला कदम?
हरियाणा बीजेपी के इस निर्णय का प्रभाव न केवल पार्टी के भीतर, बल्कि पूरे प्रदेश की राजनीति पर पड़ेगा। कार्यकर्ताओं से लेकर आम जनता तक, सभी की नजर इस बात पर है कि आखिर 15वीं बार यह जिम्मेदारी किसे सौंपी जाएगी। अगले कुछ दिनों में इस सस्पेंस से पर्दा उठेगा, और हरियाणा की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू होगा।