अमेरिका का नया सैन्य रणनीति: चार महत्वपूर्ण ठिकानों पर बेस बनाने की योजना
नई सैन्य रणनीति का उद्देश्य
नई दिल्ली/वाशिंगटन: अमेरिका अपने वैश्विक सैन्य दबदबे को बनाए रखने के लिए एक नई रणनीति पर कार्य कर रहा है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिका पहले से ही 80 देशों में लगभग 750 सैन्य ठिकानों का नियंत्रण रखता है, जिसमें सेना, नौसेना और वायुसेना के ठिकाने शामिल हैं। यह संख्या और भी बढ़ सकती है, क्योंकि पेंटागन ने कभी भी सभी आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए हैं।
अमेरिकी सैनिकों की तैनाती
अमेरिका के पास कुल 13 लाख सैनिक हैं, जिनमें से 13% यानी लगभग 1.72 लाख सैनिक इन 80 देशों में स्थायी रूप से तैनात हैं। अब अमेरिका चार नए और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण ठिकानों की स्थापना करने की योजना बना रहा है।
संभावित सैन्य ठिकाने
ये चार ठिकाने हैं जिन पर अमेरिका की नजर है:
1. बगराम एयरबेस (अफगानिस्तान)
बगराम एयरबेस अफगानिस्तान के परवान प्रांत में स्थित है। 1980 के दशक में यह सोवियत सेना का मुख्यालय था, लेकिन 2001 में 9/11 हमलों के बाद अमेरिकी सेना ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। तालिबान के सत्ता में आने के बाद अमेरिका को यह बेस छोड़ना पड़ा था।
यह स्थान दक्षिण एशिया, मध्य एशिया और पश्चिम एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण रणनीतिक ठिकाना है। यह ईरान, पाकिस्तान, चीन के शिनजियांग प्रांत और रूस की सीमाओं के निकट है। यहां दो रनवे हैं जो B-52 बॉम्बर्स जैसे बड़े विमानों को संभाल सकते हैं।
2. चाबहार-ग्वादर के पास (ईरान-पाकिस्तान)
ईरान के एक प्रमुख सलाहकार ने कहा है कि अमेरिका चाबहार और ग्वादर बंदरगाह के पास नए सैन्य ठिकानों की स्थापना की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के मकरान तट पर अमेरिका एक एयरबेस या नौसेना बेस स्थापित कर सकता है।
इस क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति महत्वपूर्ण है, जो ओमान की खाड़ी के निकट है और वैश्विक व्यापारिक मार्गों के लिए आवश्यक है। इसके अलावा, अमेरिका चीन के ग्वादर में बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिए यहां अपनी उपस्थिति चाहता है।
3. गाजा में मिलिट्री बेस (इजराइल)
अमेरिका इजराइल में गाजा बॉर्डर के पास एक बड़े सैन्य ठिकाने की योजना बना रहा है। इस ठिकाने में अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को तैनात किया जाएगा, जो गाजा पट्टी में शांति और सीजफायर बनाए रखने में मदद करेंगे।
रिपोर्टों के अनुसार, यह बेस लगभग 10,000 सैनिकों के लिए बनाया जाएगा और इसकी लागत लगभग 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4,000 करोड़ रुपये) होगी। यह बेस 12 महीने तक चलने वाला और पूरी तरह आत्मनिर्भर होगा। विश्लेषकों का मानना है कि इससे अमेरिका को ईरान पर सैन्य और राजनीतिक दबाव बनाए रखने में मदद मिलेगी।
4. दमिश्क एयरबेस (सीरिया)
हालिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अमेरिका सीरिया के दमिश्क एयरबेस पर सैनिक तैनात करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य इजराइल-सीरिया सुरक्षा समझौते की निगरानी करना है। इस बेस का उपयोग निगरानी, लॉजिस्टिक्स, रिफ्यूलिंग और मानवीय कार्यों के लिए किया जाएगा।
‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के अनुसार, वर्तमान में मध्य पूर्व में 19 विभिन्न स्थानों पर 40 से 50 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। अमेरिका के पास पहले से ही बहरीन, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में 8 सैन्य ठिकाने मौजूद हैं।
