उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन पर की समीक्षा बैठक
वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश
- नोडल अधिकारियों को पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश
चरखी दादरी। धान की पराली प्रबंधन और फसल अवशेषों के जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध के संदर्भ में उपायुक्त डॉ. मुनीश नागपाल ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में उन्होंने आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि नोडल अधिकारियों को अगले कुछ दिनों में फील्ड में रहकर पेट्रोलिंग और मॉनिटरिंग बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि पराली जलाने की घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी लापरवाही बरतेगा, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सतर्क निगरानी रखें और किसी भी स्थिति में पराली जलाने की घटना न होने दें।
उपायुक्त ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किसान पराली न जलाएं, बल्कि फसल अवशेषों का वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन करें। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य किसानों को पराली प्रबंधन के लिए प्रेरित करना है। पराली जलाने से वायु प्रदूषण बढ़ता है और मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है। सरकार द्वारा पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को 1200 रुपये प्रति एकड़ की सहायता राशि प्रदान की जाती है। उन्होंने किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। इस बैठक में एसडीएम योगेश सैनी, सीईओ जिला परिषद डॉ. वीरेन्द्र सिंह, सीटीएम प्रीति रावत, डीडीपीओ रविन्द्र दलाल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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