करनाल में धान खरीद घोटाला: प्रशासन की सख्ती के बावजूद धान की आवक जारी
करनाल में धान खरीद घोटाले का खुलासा
करनाल, (Paddy Scam Karnal): करनाल में धान खरीद से जुड़ा एक बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। प्रशासन की सख्त कार्रवाई के बावजूद अन्य राज्यों से धान की आवक रुकने का नाम नहीं ले रही है। किसान शिकायत कर रहे हैं कि जिन राइस मिलों में सरकारी धान की जांच के दौरान गायब पाया गया, वे अब अपनी सप्लाई को पूरा करने के लिए सस्ते दाम पर बाहर से धान मंगा रहे हैं। जिला प्रशासन ने सीमाओं पर नाकाबंदी का दावा किया है, लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।
गांवों में धान से भरे ट्रकों की लंबी कतार
Paddy Scam Karnal: गांवों में ट्रक लाइन से खड़े
सग्गा और सांभली गांव के किसानों ने बताया कि उनके आस-पास की राइस मिलों के बाहर धान से भरे ट्रक खड़े हैं, जो उत्तर प्रदेश और बिहार से आए हैं। यह पीआर धान है। जांच में गायब हुए 25 हजार बैग की भरपाई के लिए बाहर से माल मंगवाया जा रहा है। असली किसानों का कहना है कि घोटाले के कारण मंडियों में खरीद धीमी हो गई है और भुगतान में देरी हो रही है। यदि पोर्टल और जमीन पर सत्यापन एक साथ होता, तो यह स्थिति नहीं आती।
ऑनलाइन पोर्टल पर धांधली
पोर्टल पर खेल, असल में कुछ नहीं
बिना भौतिक जांच के ऑनलाइन पोर्टल से खरीद को घोटाले की मुख्य वजह बताया जा रहा है। जांच में यह सामने आया है कि कई स्थानों पर धान न तो मंडी पहुंची और न ही मिल में गई, लेकिन रिकॉर्ड में सब कुछ सही दिखाया गया। आढ़ती, अधिकारी और मिलरों ने मिलकर कागजों में खरीद दिखा दी। असल में, UP और बिहार से सस्ती धान लाकर MSP पर बेची गई और करोड़ों का मुनाफा बांटा गया। अब तक साढ़े पांच करोड़ का घोटाला उजागर हुआ है।
प्रशासन की कार्रवाई और मिलरों की धांधली
अधिकारी सस्पेंड, मिलरों का गेट पास गेम
प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए भौतिक सत्यापन कराया। गड़बड़ी पाए जाने पर घरौंडा मंडी के इंस्पेक्टर यशवीर सिंह, जुंडला के संदीप शर्मा, करनाल के समीर वशिष्ठ, निसिंग के लोकेश, तरावड़ी के सचिव संजीव सचदेवा और सब इंस्पेक्टर रामफूल को नामजद किया गया। मिलरों ने 200-300 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेट पास बेचे। इन पास के जरिए पोर्टल पर खरीद दिखा दी गई, लेकिन न तो किसान से धान आई और न ही मंडी में स्टॉक जमा हुआ।
