कुरुक्षेत्र में महाभारत अनुभव केंद्र का उद्घाटन, पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
कुरुक्षेत्र: धार्मिक और पर्यटन केंद्र
कुरुक्षेत्र (महाभारत अनुभव केंद्र)। गीता का संदेश 5161 वर्षों से मानवता को प्रेरित कर रहा है, और अब धर्मनगरी कुरुक्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में भी तेजी से विकसित हो रही है। केंद्र और राज्य सरकारें इसे एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए करोड़ों रुपये की परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।
पर्यटन स्थलों की विविधता
ब्रह्म सरोवर, ज्योतिसर, शेख चिल्ली का मकबरा, कृष्ण संग्रहालय, कुरुक्षेत्र पैनोरमा, हर्षवर्धन का टिला, अभिमन्यु का टिला जैसे स्थल देश-विदेश के पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही, महाभारत अनुभव केंद्र भी एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगा।
महाभारत अनुभव केंद्र की विशेषताएँ
206 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह अत्याधुनिक केंद्र न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि यहां महाभारत युद्ध के 18 दिनों के घटनाक्रम को अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
यह केंद्र लगभग सात वर्षों में तैयार हुआ है और अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान देश-विदेश के पर्यटकों को देखने का अवसर मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को इसका उद्घाटन कर सकते हैं।
महाभारत के दृश्य जीवंत
ज्योतिसर तीर्थ पर स्थित महाभारत अनुभव केंद्र में लाक्षागृह, द्रोपदी चीर हरण, और द्यूत क्रीड़ा जैसे दृश्यों को 3डी मॉडलिंग और इंटरेक्टिव प्रदर्शनों के माध्यम से जीवंत किया गया है।
यहां महाभारत युद्ध के कारणों और घटनाओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी, जैसे अभिमन्यु की शहादत और कर्ण की मृत्यु। भगवान श्री कृष्ण का जीवन दर्शन भी दर्शाया जाएगा।
आकर्षक लाइट एंड साउंड शो
ज्योतिसर तीर्थ पर अष्टधातु से निर्मित 40 फीट ऊंची श्रीकृष्ण की प्रतिमा भी स्थापित की गई है। इस प्रोजेक्ट की लागत लगभग 12 करोड़ रुपये थी। यहां प्रतिदिन लाइट एंड साउंड शो का आयोजन किया जाता है, जिसमें 3डी मैपिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है।
आधारभूत ढांचे का विकास
कुरुक्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ आधारभूत ढांचे को भी मजबूत किया जा रहा है। सड़कों और परिवहन पर ध्यान दिया जा रहा है। सिटी बस सेवा शुरू की गई है, और कुरुक्षेत्र 48 कोस दर्शन की योजना भी लागू की गई है।
इसके अलावा, पिपली में एक फाइव स्टार होटल के निर्माण की योजना भी फिर से शुरू की गई है, जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगी।
