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कृषि सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की मंजूरी

केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य देश के 100 निम्न-प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में सतत विकास को सुनिश्चित करना है। इस योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपये का वार्षिक बजट निर्धारित किया गया है और यह अगले छह वर्षों तक लागू होगी। योजना का फोकस कृषि के साथ-साथ सिंचाई, भंडारण और ऋण सुविधाओं पर भी है। यह योजना किसानों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के साथ-साथ कृषि उत्पादकता में वृद्धि करने का लक्ष्य रखती है।
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कृषि सुधार के लिए ऐतिहासिक कदम: प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना की मंजूरी

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का उद्देश्य

केंद्र सरकार ने देश की कृषि प्रणाली में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को स्वीकृति दी है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य देश के 100 कम प्रदर्शन वाले कृषि जिलों में सतत विकास को बढ़ावा देना है। योजना के लिए वार्षिक बजट 24,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है और इसे अगले छह वर्षों तक लागू किया जाएगा।


योजना का व्यापक दृष्टिकोण

यह महत्वाकांक्षी योजना केंद्रीय बजट 2025-26 में पहली बार प्रस्तुत की गई थी। इसका ध्यान केवल कृषि पर नहीं, बल्कि इससे संबंधित गतिविधियों जैसे सिंचाई, भंडारण, प्राकृतिक खेती और ऋण सुविधाओं पर भी है। योजना का उद्देश्य उत्पादकता में वृद्धि, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और किसानों को वित्तीय एवं तकनीकी सहायता प्रदान करना है।


समन्वित कार्यान्वयन का मॉडल

इस योजना की विशेषता यह है कि यह केंद्र सरकार के 11 मंत्रालयों की 36 मौजूदा योजनाओं को एकीकृत करती है, जिससे दोहराव से बचा जा सके और योजनाओं का समन्वित कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। अनुमान है कि इससे लगभग 1.7 करोड़ किसानों को सीधे लाभ मिलेगा।


स्थानीय भागीदारी और निगरानी

इस पहल में राज्यों की योजनाओं और निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी महत्व दिया गया है। प्रत्येक चयनित जिले में ‘जिला धन-धान्य कृषि योजना समिति’ का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता जिला अधिकारी या ग्राम पंचायत प्रमुख करेंगे। समिति में प्रगतिशील किसान, विशेषज्ञ और विभागीय अधिकारी शामिल होंगे।


प्रगति की निगरानी और पारदर्शिता

योजना की प्रगति की निगरानी एक केंद्रीय डिजिटल डैशबोर्ड के माध्यम से की जाएगी, जिसमें प्रत्येक जिले को 117 प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों के आधार पर ट्रैक किया जाएगा। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए ‘किसान ऐप’ और जिला रैंकिंग प्रणाली भी लागू की जाएगी।


निगरानी टीमें और मासिक समीक्षा

योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र, राज्य और जिला स्तर पर निगरानी टीमें बनाई जाएंगी। इनमें केंद्रीय स्तर पर मंत्री और सचिव स्तर की टीमें, राज्य स्तर पर निगरानी टीमें और जिला स्तर पर स्थानीय अधिकारी शामिल होंगे।


कृषि सुधारों की नई लहर

यह योजना केंद्र सरकार के आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता से प्रेरित है और यह ग्रामीण भारत में कृषि सुधारों की नई लहर लाने का वादा करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में यह योजना न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र को टिकाऊ और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम साबित होगी।