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क्या बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का भारत में रहना है उनका खुद का निर्णय?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में रहने के निर्णय को उनकी व्यक्तिगत पसंद बताया है। उन्होंने बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों और भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी चर्चा की। जानें इस मामले में क्या है भारत की स्थिति और शेख हसीना की वापसी की मांग पर क्या कहा गया।
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क्या बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना का भारत में रहना है उनका खुद का निर्णय?

शेख हसीना की भारत में मौजूदगी पर विदेश मंत्री का बयान


नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के भारत में रहने को लेकर चल रही चर्चाओं पर स्पष्ट किया है कि यह उनकी व्यक्तिगत पसंद है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष बांग्लादेश में हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद से हसीना भारत में हैं। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत बांग्लादेश का एक मित्रवत पड़ोसी है।


शेख हसीना को सुनाई गई मौत की सजा

हाल ही में, बांग्लादेश की सरकार ने शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामले में मौत की सजा सुनाई है। इसके साथ ही, भारत से उनकी बांग्लादेश वापसी की मांग भी की गई है, लेकिन भारत सरकार ने इस पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है।


क्या हसीना का भारत में रहना उनका खुद का निर्णय है?

एक कार्यक्रम में जब विदेश मंत्री से पूछा गया कि क्या हसीना भारत में जितना चाहें रह सकती हैं, तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से उनका निर्णय है। जयशंकर ने बताया कि हसीना विशेष परिस्थितियों में भारत आई थीं और अब उन्हें यह तय करना है कि आगे क्या करना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत हमेशा चाहता है कि बांग्लादेश में लोकतंत्र मजबूत हो।


भारत और रूस के संबंध

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा पर बात करते हुए, जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध पिछले 70-80 वर्षों में सबसे स्थिर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पुतिन की यात्रा का अमेरिका के व्यापार समझौते पर कोई असर नहीं पड़ेगा।


अमेरिका के साथ व्यापार पर चर्चा

जयशंकर ने बताया कि वर्तमान में अमेरिका के लिए व्यापार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, लेकिन भारत अपनी शर्तों और राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ही बातचीत करेगा। उन्होंने कहा कि डिप्लोमेसी का उद्देश्य किसी को खुश करना नहीं, बल्कि देश के हितों की रक्षा करना है।


भारत की स्वतंत्र विदेश नीति

जयशंकर ने राष्ट्रपति पुतिन के संदर्भ में कहा कि भारत एक उभरते हुए देश के रूप में सभी महत्वपूर्ण देशों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा। उन्होंने भारत की विदेश नीति की बुनियाद को स्वतंत्र विकल्प और रणनीतिक स्वतंत्रता बताया, जिसे आगे भी जारी रखा जाएगा।