Newzfatafatlogo

जम्मू-कश्मीर उपचुनाव: नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार से बढ़ी राजनीतिक चुनौतियाँ

जम्मू-कश्मीर के हालिया उपचुनाव परिणामों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की राजनीतिक स्थिति को चुनौती दी है। बडगाम और नगरोटा में पार्टी की हार ने उसके संगठनात्मक ढांचे पर सवाल उठाए हैं। PDP और BJP ने इन चुनावों में अपनी स्थिति को मजबूत किया है, जिससे NC के लिए नई चुनौतियाँ उत्पन्न हुई हैं। जानें इस राजनीतिक परिदृश्य के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
 | 
जम्मू-कश्मीर उपचुनाव: नेशनल कॉन्फ्रेंस की हार से बढ़ी राजनीतिक चुनौतियाँ

उपचुनाव परिणामों का प्रभाव


जम्मू-कश्मीर में हालिया उपचुनाव के परिणामों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस की राजनीतिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला द्वारा छोड़ी गई बडगाम सीट पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा, जबकि नगरोटा में भी NC तीसरे स्थान पर रही।


बडगाम सीट पर हार का विश्लेषण

बडगाम सीट पर NC अपनी स्थिति को बनाए रखने में असफल रही। PDP के उम्मीदवार आगा सैयद मुनताजी मेहदी ने 21,576 वोट प्राप्त कर जीत हासिल की, जबकि NC के आगा सैयद महमूद अल-मोसवी को 17,098 वोट मिले।


यह सीट उमर अब्दुल्ला द्वारा 2024 में दूसरी सीट जीतने के बाद खाली की गई थी। हार के बाद, राजनीतिक विश्लेषक NC की कमजोर होती संगठनात्मक क्षमता को इस हार से जोड़ रहे हैं।


उमर अब्दुल्ला की प्रतिष्ठा पर असर

उमर अब्दुल्ला की प्रतिष्ठा से जुड़ी इस सीट पर हार को NC के लिए एक बड़ा 'फेस लॉस' माना जा रहा है। यह वही सीट है जिसे उमर ने 2024 विधानसभा चुनाव में जीता था।


उनकी नई भूमिका और गंदेरबल सीट चुनने के निर्णय के बाद बडगाम में उपचुनाव हुआ। अब इस हार के बाद PDP की विधानसभा में सीटें बढ़कर चार हो गई हैं, जिससे पार्टी का मनोबल और मजबूत हुआ है।


अंदरूनी मतभेदों का प्रभाव

सूत्रों के अनुसार, NC सांसद आगा रहुल्ला ने चुनाव प्रचार से दूरी बनाई, जिससे पार्टी के वोटों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। माना जा रहा है कि उमर अब्दुल्ला के साथ मतभेदों के कारण वह सक्रिय नहीं रहे।


इससे NC का ग्राउंड नेटवर्क कमजोर हुआ और PDP को बढ़त बनाने का अवसर मिला। स्थानीय राजनीतिक हलकों में इसे NC की अंदरूनी चुनौतियों का स्पष्ट संकेत माना जा रहा है।


नगरोटा उपचुनाव में निराशाजनक परिणाम

NC को नगरोटा सीट पर भी बड़ा झटका लगा, जहां पार्टी तीसरे स्थान पर रही। NC उम्मीदवार शमीम बेगम को 10,872 वोट मिले, जबकि BJP की देवयानी राणा ने 42,350 वोटों के साथ शानदार जीत दर्ज की।


जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के हरस देव सिंह 17,703 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे। यह सीट अक्टूबर 2024 में BJP विधायक देवेंद्र सिंह राणा के निधन के कारण खाली हुई थी।


PDP और BJP की बढ़ती ताकत

इन परिणामों ने PDP और BJP दोनों का मनोबल बढ़ाया है। PDP की बडगाम में जीत को 'मोरल विक्ट्री' माना जा रहा है, क्योंकि यह सीट NC के मजबूत गढ़ माने जाने वाले क्षेत्र में आती है।


वहीं BJP ने नगरोटा में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है। दूसरी ओर, NC के लिए ये नतीजे संकेत हैं कि पार्टी को अपने संगठनात्मक ढांचे और रणनीति पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है।