झारखंड में बालू तस्करों द्वारा बीडीओ पर हमले की कोशिश, राजनीतिक विवाद बढ़ा
घटना का राजनीतिक असर
झारखंड के गढ़वा जिले में बालू तस्करों द्वारा बीडीओ को ट्रैक्टर से कुचलने का प्रयास एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के शासन में ईमानदारी की सजा मौत है।
बीडीओ की सुरक्षा पर सवाल
मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि बीडीओ श्रवण कुमार की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब किसकी होगी? उन्होंने कहा कि जब पुलिस माफिया और गुंडों का समर्थन करेगी, तो आम जनता की सुरक्षा कौन करेगा? यदि सरकारी अधिकारी ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम लोगों को सुरक्षा की क्या उम्मीद हो सकती है?
सोशल मीडिया पर बयान
बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'हेमंत सोरेन के राज में ईमानदारी की सजा मौत है। अधिकांश सरकारी अधिकारी रिश्वतखोरी और तानाशाही की ओर बढ़ चुके हैं, जबकि जो ईमानदार हैं, उन्हें अपनी जान जोखिम में डालकर काम करना पड़ रहा है।'
घटना का विवरण
गढ़वा जिले के उंटारी रोड में बीडीओ श्रवण कुमार अवैध बालू खनन की जांच के लिए गए थे, तभी खनन माफिया ने उन्हें ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की। इस घटना में बीडीओ और उनकी टीम बाल-बाल बच गई। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचने में काफी समय लिया, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से इनकार कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई
मरांडी ने कहा, 'हेमंत सोरेन जी, अब बीडीओ श्रवण कुमार की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? पैसे की भूख ने इस सरकार की संवेदनाओं और पुलिस के कर्तव्यबोध को खत्म कर दिया है।' यह घटना सोमवार रात पलामू जिले के उंटारी रोड थाना क्षेत्र के सीढा गांव में हुई। बीडीओ श्रवण कुमार अवैध बालू उठाव रोकने के लिए निरीक्षण पर निकले थे।
पुलिस का दावा
पुलिस ने घटना के बाद मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। मंगलवार सुबह बीडीओ और थाना प्रभारी ने घटनास्थल का पुनः निरीक्षण किया। पुलिस का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है और उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
