ट्रंप का मोदी को फोन कॉल: भारत की विदेश नीति की नई दिशा

मोदी के जन्मदिन पर ट्रंप का फोन कॉल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन पर उन्हें विश्वभर से शुभकामनाएं मिलीं, लेकिन एक विशेष फोन कॉल ने सभी का ध्यान खींचा। यह कॉल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा किया गया था, जो आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भी उम्मीदवार हैं। इस कॉल पर एक प्रमुख अमेरिकी विशेषज्ञ ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की है, जो भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है।अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सीनियर फेलो सदानंद धूमे ने कहा कि ट्रंप का यह फोन कॉल भारत के उस निर्णय को सही ठहराता है जिसमें भारत ने हमेशा रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों पार्टियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने की नीति अपनाई है।
इसका क्या अर्थ है? सरल शब्दों में, भारत ने कभी भी अमेरिका की आंतरिक राजनीति में किसी एक पार्टी का समर्थन नहीं किया। भारत सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि चाहे अमेरिका में किसी भी पार्टी की सरकार हो, दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत बने रहें।
धूमे का कहना है कि ट्रंप, जो अक्सर अपनी शर्तों पर चलने के लिए जाने जाते हैं, का पीएम मोदी को फोन करना यह दर्शाता है कि वह भी भारत के साथ संबंधों को कितना महत्व देते हैं। यह भारत की निष्पक्ष और संतुलित विदेश नीति की जीत है, जहां भारत किसी एक नेता या पार्टी पर दांव लगाने के बजाय अमेरिका के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है।
यह फोन कॉल उस समय हुआ है जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव का माहौल गर्म है। ट्रंप का यह कदम यह संकेत देता है कि यदि वह चुनाव जीतते हैं, तो भारत-अमेरिका के रिश्ते मजबूत बने रहेंगे। यह भारत के लिए एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है, जो यह साबित करती है कि दुनिया में भारत का कद कितना ऊंचा हो गया है।