डोनाल्ड ट्रंप का नया दावा: भारत-पाकिस्तान युद्ध में गिराए गए 5 जेट
डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा बयान
डोनाल्ड ट्रंप का नया दावा: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने के संबंध में एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि इस संघर्ष के दौरान 5 जेट विमानों को गिराया गया था। यह जानकारी उन्होंने रिपब्लिकन सांसदों के साथ एक डिनर के दौरान साझा की। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि ये फाइटर जेट किसके थे। ट्रंप इससे पहले भी भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का दावा कर चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने फाइटर जेट के बारे में बात की है, जो कि चौंकाने वाला है।
ट्रंप ने कहा कि हमने कई महत्वपूर्ण युद्धों को रोका है। ये युद्ध सामान्य नहीं थे, क्योंकि भारत और पाकिस्तान दोनों ही परमाणु शक्तियों से संपन्न देश हैं, जिससे स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान लगभग 5 लड़ाकू विमानों को गिराया गया था। इसके अलावा, ट्रंप ने यह भी दावा किया कि अमेरिका ने ईरान की परमाणु क्षमता को पूरी तरह से नष्ट कर दिया था।
ट्रंप के दावों की संख्या
अब तक 18 बार कर चुके हैं दावा
उन्होंने यह भी कहा कि हमने हर युद्ध में उलझे देशों को व्यापार करने के लिए प्रेरित किया। मैंने इन देशों से कहा कि जब तक आप युद्ध समाप्त नहीं करेंगे, तब तक आपके साथ व्यापार की कोई चर्चा नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि ट्रंप पहले भी लगभग 18 बार भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का दावा कर चुके हैं, लेकिन यह पहली बार है जब उन्होंने जेट विमानों के गिरने का उल्लेख किया है।
पीएम मोदी का खंडन
पीएम मोदी ने किया था ट्रंप के दावों का खंडन
यह ध्यान देने योग्य है कि पीएम मोदी ने कनाडा में जी-7 समिट में भाग लेने के बाद स्वदेश लौटते समय ट्रंप के दावों का खंडन किया था। ट्रंप ने पीएम को अमेरिका आने का निमंत्रण दिया, जिसे पीएम ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि उनका कार्यक्रम पहले से तय है। हालांकि, पीएम ने ट्रंप को भारत आने का निमंत्रण दिया। दोनों नेताओं के बीच लगभग 35 मिनट तक बातचीत हुई, जिसमें पीएम ने ट्रंप के सीजफायर रोकने के दावे का खंडन किया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कश्मीर मुद्दे पर हमें किसी तीसरे देश की मध्यस्थता की आवश्यकता नहीं है। इसके साथ ही, पीएम ने कहा कि भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के दौरान राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर व्यापार को लेकर कोई बातचीत नहीं चल रही थी।