डोनाल्ड ट्रंप ने एच-1बी वीजा पर नरम रुख अपनाया, अमेरिका को विदेशी प्रतिभा की आवश्यकता
अमेरिका में विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता
न्यूयॉर्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले के सख्त रुख से पीछे हटते हुए यह स्वीकार किया है कि देश को विदेशी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केवल लंबे समय से बेरोजगार लोगों पर निर्भर रहकर अमेरिका अपनी उद्योग और तकनीक को आगे नहीं बढ़ा सकता। एक समाचार चैनल को दिए गए इंटरव्यू में ट्रंप ने बताया कि अमेरिकी उद्योगों और रक्षा क्षेत्र को विशेषज्ञता वाले लोगों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “मैं सहमत हूं कि हमें अमेरिकी श्रमिकों की तनख्वाह बढ़ानी चाहिए, लेकिन हमें विदेशी प्रतिभा भी लानी होगी। अमेरिका को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है।”
ट्रंप का नया आदेश और एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि: इससे पहले, ट्रंप ने सितंबर में एक आदेश पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत एच-1बी वीजा आवेदन की फीस में भारी वृद्धि की गई थी। नए नियमों के अनुसार, नए वीजा के लिए 1,500 डॉलर की जगह 1 लाख अमेरिकी डॉलर (लगभग 83 लाख रुपये) चुकाने होंगे। यह नियम 21 सितंबर के बाद दाखिल किए गए सभी नए आवेदन और 2026 की वीजा लॉटरी में शामिल होने वालों पर लागू होगा। हालांकि, जो लोग पहले से वीजा पर हैं या जिनके आवेदन पहले दिए गए हैं, वे इस बदलाव से प्रभावित नहीं होंगे।
प्रतिभा की कमी पर ट्रंप का बयान: जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या अमेरिका में पहले से पर्याप्त प्रतिभाशाली लोग मौजूद नहीं हैं, तो उन्होंने कहा, “नहीं, कुछ विशेष कौशल ऐसे हैं जो हमारे पास नहीं हैं। आप बेरोजगारों से यह नहीं कह सकते कि अब मिसाइल बनाना सीखो। इसके लिए अनुभव और प्रशिक्षण आवश्यक होता है।”
ट्रंप का नया दृष्टिकोण: ट्रंप का यह बयान उनके पहले के रुख से बिल्कुल विपरीत माना जा रहा है। पहले वे विदेशी श्रमिकों के खिलाफ सख्त बयान देते रहे हैं और कहते थे कि इससे अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां खतरे में पड़ती हैं। लेकिन अब उनका कहना है कि “देश में ऐसे कई क्षेत्र हैं, जहां स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित करने में वर्षों लगेंगे, इसलिए तब तक हमें विदेशी विशेषज्ञों को लाना ही होगा।”
